एनएचएम की डीसीपीएम पारुल शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 5000 रुपए की धनराशि प्रथम बार गर्भवती होने वाली महिला को दी जाती है। स्कीम में गर्भधारण के बाद पंजीकरण होता है। साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपए दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने पर गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपए दिए जाते हैं। बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपए दिए जाते हैं। ये सारे भुगतान गर्भवती महिला के बैंक खाते में किए जाते हैं।
पारुल ने बताया कि इस योजना का लाभ पात्र लोगों को मिल सके, इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। यह मदद सरकारी नौकरी वाली (Government Service) महिलाओं को छोड़कर को छोड़कर, हर गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिला को मिलती है। यह योजना पूर्णत: नि:शुल्क है।
एनएचएम की डीसीपीएम ने बताया योजना के तहत अब तक 25439 महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है। योजना का लाभ लेने के लिये टीकाकरण कार्ड, आधार कार्ड, बैंक, पोस्ट ऑफिस की पासबुक, शिशु का जन्म प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। योजना का लाभ लेने के लिये गर्भवती महिलाएं अपने निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क कर सकती हैं। योजना का प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
यह भी पढ़े: नौनिहालों को 11 जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए दो दिसंबर से शुरू होगा टीकाकरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के निर्देशों के तहत गर्भवती महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा और जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (Pradhan Mantri Matri Vandana Yojana) की शुरुआत की गई। इसे वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे लॉन्च किया था। इस योजना से महिलाओं को समय पर उचित पोषण तो मिलेगा ही साथ ही कुपोषण के कारण शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।