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Holi 2022 : बरसाना के हुरियारों पर नंदगांव की हुरियारिनों ने घूंघट की आड़ में किए लाठियों से प्रहार

Holi 2022 : बरसाना में होली खेलने के अगले दिन नंद गांव में लट्‌ठमार होली का आयोजन किया गया। बरसाना के हुरियारों ने हंसी-ठिठोली करके छेड़ना शुरू किया तो हुरियारिनों ने भी अपनी लाठी संभाल ली और उनकी प्रेम पगी लाठियों के वार के सामने हुरियारों ने भी अपने घुटने टेक दिए।

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मथुरा

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lokesh verma

Mar 13, 2022

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Holi 2022 : नंद गांव के रंगीली चौक पर खड़ी हुरियारिनों को जब बरसाना के हुरियारों ने हंसी-ठिठोली करके छेड़ना शुरू किया तो हुरियारिनों ने भी अपनी लाठी संभाल ली और उनकी प्रेम पगी लाठियों के वार के सामने हुरियारों ने भी अपने घुटने टेक दिए। होली के रसिया गाते हुए गोरिया रे महिलाओं द्वारा किए गए लाठियों के प्रहार का सामना करते नजर आए। हंसी ठिठोली का यह दौर शनिवार को नंदगांंव में लगातार चलता रहा। बता दें कि शुक्रवार को बरसाना के बाद शनिवार को नंदगांव की इस लठामार होली में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और भगवान राधा-कृष्ण के प्रेम रंग में पूरी तरह सराबोर हो गए।

दरअसल, नंद गांव और बरसाना के बीच यूं तो शादी-सम्बन्ध नहीं होते, लेकिन होली के दौरान दोनों जगहों के लोगों के बीच जो निकट सम्बन्ध दिखाई देते हैं, वैसे शायद निजी सम्बन्घों में भी ना देखने को मिलें। इस पर फगुआ बयार में हर उम्र की हुरियारिनें चाहे वो नई नवेली बहू हो या उम्रदराज महिला। पूरे साज-श्रृंगार के साथ ही होली खेलने पहुंचती हैं और हुरियारों को मुंहतोड़ जबाब भी देती हैं।

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टेसू के फूलों से बने रंग से किया स्वागत

फगुआ बयार के बहाने बरसाने के हुरियारेे नंदलाला के गांव की हुरियारिनों संग होली खेलने पहुंचे। सुबह आए हुरियारों का टेसू के फूलों से बने रंग और गुलाल से उनका जोरदार स्वागत किया गया। नंदगांव की हुरियारिनों ने बताया कि मैं पिछले 18 साल से होली खेल रही हूं और बड़ा ही आनंद आता है होली खेलते समय। होली पर नंद गांव आये बरसाने के हुरियारे होली खेलने आते हैं। वह हंसी ठिठोली के बीच हम उन पर प्रहार करते हैं।

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भगवान श्री कृष्ण के समय से चली आ रही परंपरा

भगवान श्री कृष्ण के समय से ही यह परंपरा का निर्वहन हम लोग करते चले आ रहे हैं। वहीं श्रद्धालु भी इस होली का आनंद लेने के लिए देश के कोने-कोने से नंद गांव पहुंचते हैं। हर कोई इस अलौकिक पल का साथी बनना चाहता है। और यारों पर गुलाल और अबीर रंग की वर्षा होती है और नंद गांव की गोरिया रे ने हंसी ठिठोली के बीच बरसाने के हुरियारों पर प्रेम पघी लाठियों से प्रहार करती हैं।