
यूपी के इस शहर में जली सबसे ज्यादा पराली, डीएम से जवाब तलब
मथुरा। उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले में सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। यह निगरानी जिलास्तर पर नहीं की गई और नहीं इसके आंकड़े एकत्रित करने की जिम्मेदारी जनपद स्तरीय अधिकारियों के पास थीं। शासन स्तर पर सैटेलाइट से ली गईं इमेज के आधार पर यह आंकड़ा तैयार किया गया है। ऐसे दस जनपदों की सूची तैयार की गई है। जिनमें पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं। इस सूची में मथुरा पहले स्थान पर है। मुख्य सचिव ने 10 जिलों में 2027 स्थानों पर फसल अवशेष जलाए जाने का ब्योरा भेजते हुए वहां के जिलाधिकारियों से 20 नवंबर तक स्पष्टीकरण तलब किया है।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने पराली जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण से संबंधित सुप्रीमकोर्ट के आदेशों व इस संबंध में शासन स्तर से कार्रवाई के लिए जारी शासनादेशों का हवाला देते हुए जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। साथ ही जिलाधिकारियों से उनका स्पष्टीकरण मांगने के साथ पूछा है कि उन्होंने इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है? संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन क्यों नहीं किया गया?
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मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से पराली जलाने की घटना को न रोक पाने के लिए संबंधित क्षेत्र के उत्तरदायी अधिकारियों व कर्मचारियों का उत्तरदायित्व तय करते हुए संबंधित तहसील, थाना के जिम्मेदार अधिकारियों का ’स्पष्टीकरण’ प्राप्त कर कार्रवाई सहित अपना स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने को कहा है। जिलाधिकारियों से कार्रवाई रिपोर्ट व स्पष्टीकरण 20 नवंबर तक उपलब्ध कराने को कहा है।
इन जिलों में हुई। पराली जलाने की ज्यादा घटनाएं
मथुरा में 455, पीलीभीत 321, शाहजहांपुर 316, रामपुर 296, लखीमपुर खीरी 152, महराजगंज 148, बरेली 101, अलीगढ़ 88, जालौन 81, झांसी 69,
मथुरा में अब तक यह हुई है कार्रवाई
-288 किसानों को नोटिस, 12.50 लाख का जुर्माना
-12 लाख 43 हजार 500 रुपये का लगा कुल जुर्माना
-325 घटनाओं का सैटेलाइट सर्वे में हुआ था चिन्हीकरण
-जनपद में सबसे ज्यादा मामले छाता तहसील क्षेत्र के
-तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई, एक की संविदा समाप्त
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डीएम ने दिये एसडीएम तहसीलदारों को क्षेत्र में भ्रमण के निर्देश
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र ने जनपद की पांचों तहसीलों छाता, मांट, मथुरा, महावन और गोवर्धन के एसडीएम और तहसीलदारों को पराली जलाने की घटनाओं पर पूरी तरह रोक के लिए फील्ड में अधिकाधिक भ्रमण के निर्देश दिए हैं। डीएम ने कहा है कि अधिकारी स्वयं भ्रमण कर स्थिति का जायजा लें और उसी अनुसार अधीनस्थों से सरकार के निर्देशों का अनुपालन कराएं।
किसान को पराली जलाने पर भेजा जेल
थाना छाता पुलिस ने रविवार को गांव जॉब में पराली जलाने वाले किसान को जेल भेज दिया। पुलिस के सामने पराली जलाने पर अड़ा किसान पुलिस से भिड़ गया था। पुलिस ने किसान का शांति भंग में चालान कर दिया। रविवार को पराली जलाने की सूचना पर छाता कोतवाली प्रभारी दुर्गेश कुमार गांव जॉब पहुंचे। वहां पुलिस को गांव जॉब निवासी गोविंद सिंह खेत पर पराली जलाते मिला। पुलिस ने मना किया तो वो पुलिस से भिड़ गया। पुलिस गोविंद सिंह को पकड़कर कोतवाली ले आई और शांति भंग में चालान कर जेल भेज दिया। वहीं पराली जलाने की सूचना पुलिस ने जिला प्रशासन को दी है। किसान के खिलाफ पराली जलाने का नोटिस जारी किया।
Published on:
19 Nov 2019 09:50 am
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