
nagar nigam employees
मथुरा। शहर के व्यस्ततम इलाके होलीगेट के पास सीवर सफाई के लिए चैंबर में उतरे नगर निगम के संविदा सफाईकर्मी जहरीली गैस की चपेट में आ गए। चीख पुकार मचने के बाद तीन सफाईकर्मियों को किसी तरह बाहर निकाल लिया गया, जबकि एक सफाईकर्मी के काफी देर तक अंदर ही रह जाने के कारण उसकी मौत हो गई। बाकी तीन की हालत भी चिंताजनक बताई जा रही है। उन्हें उपचार के लिए मथुरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतक के परिजनों और सफाई मजदूर संगठन के लोगों का आरोप है कि इस हादसे के लिए नगर निगम के अधिकारी जिम्मेदार हैं। नगर निगम बनने के बाद भी सफाई कर्मियों को आवश्यक उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए, जिसके कारण हादसा हुआ। वहीं नगर निगम के अधिकारी इस मामले पर अब अपनी सफाई दे रहे हैं।
ये था मामला
शहर के मुख्य बाजार होलीगेट के समीप सीवर की सफाई का काम चल रहा था। बुधवार की सुबह सीवर चैंबर की सफाई के लिए रस्सी और बाल्टी आदि सामान लेकर चार सफाईकर्मी राकेश उर्फ रूपेश, संजय, मोहित और गोविन्द उतरे थे। बताया गया है कि सीवर में उतरते ही जहरीली गैस के कारण अचानक उनकी हालत बिगड़ने लगी। चीख पुकार मचने पर वहां मौजूद अन्य लोगों ने किसी तरह मशक्कत के बाद संजय, मोहित और गोविन्द को तो बाहर खींच लिया लेकिन रूपेश के अधिक समय तक अंदर ही रह जाने के कारण मौत हो गई। वहीं जहरीली गैस की चपेट में आने से बाकी तीनों की हालत भी बिगड़ने लगी तो आनन-फानन में उन्हे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
इस घटना की जानकारी होने पर नगरायुक्त समीर वर्मा एवं प्रशासन के अन्य आलाधिकारी भी पहुंच गए। साथ ही उत्तर प्रदेश सफाई मजदूर संघ के प्रांतीय महासचिव भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने इस घटना के लिए नगर निगम के अधिकारियों को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि मथुरा अब नगर पालिका से नगर निगम हो गया लेकिन इसके हालात अब भी वही हैं। सफाई मजदूरों को आवश्यक उपकरण मुहैया नहीं कराए गए जिसके कारण इतनी बड़ी घटना हो गई। घटना के सम्बन्ध में नगरायुक्त समीर वर्मा ने बताया कि हादसे में एक सफाई कर्मचारी की मौत हो गई है जिसमें अन्य तीन सफाईकर्मियों की हालत नाजुक है जिनका इलाज चल रहा है। उन्होंने मामले की जांच की बात कही है।
Published on:
17 May 2018 03:13 pm
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