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Widow Holi Record: 2000 से अधिक विधवाएं खेलेंगी होली, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम

Vrindavan Holi : वृंदावन में इस बार होली का त्योहार ऐतिहासिक बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 2000 से अधिक विधवाएं एक साथ होली खेलेंगी, जिससे यह आयोजन 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज होगा। यह पहल विधवाओं के जीवन में रंग भरने के साथ-साथ समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश भी देगी।

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मथुरा

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Ritesh Singh

Mar 08, 2025

होली के रंगों में सराबोर होंगी विधवाएं, बनेगा अनोखा विश्व रिकॉर्ड

होली के रंगों में सराबोर होंगी विधवाएं, बनेगा अनोखा विश्व रिकॉर्ड

Widow Holi Celebration Guinness World Record: होली का त्योहार इस बार वृंदावन में एक ऐतिहासिक अवसर बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार और स्थानीय सामाजिक संगठनों के सहयोग से 2000 से अधिक विधवाएं एक साथ होली खेलेंगी, जिससे यह आयोजन 'गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराएगा। यह पहल विधवाओं के जीवन में खुशियों के रंग घोलने के साथ-साथ सामाजिक समरसता और परिवर्तन का संदेश भी देगी।

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वृंदावन की ऐतिहासिक होली और सामाजिक पहल

वृंदावन की होली हमेशा से अपने भव्य और अनूठे रंगों के लिए प्रसिद्ध रही है। यहां की होली पूरे देश और विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होती है। लेकिन इस बार की होली विशेष होने जा रही है क्योंकि यह केवल रंगों और आनंद का पर्व नहीं होगा, बल्कि यह सामाजिक सुधार और समरसता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देगा। परंपरागत रूप से, भारत में विधवाओं से अपेक्षा की जाती थी कि वे जीवनभर रंगों और उत्सवों से दूर रहें। लेकिन भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन में यह धारणा बदलने जा रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस अनूठी पहल का आयोजन करने का निर्णय लिया है, जिससे विधवाओं को समाज में बराबरी का स्थान देने का संदेश दिया जा सके। सरकार ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि यह आयोजन भव्य और ऐतिहासिक बने। इस आयोजन में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे, जिससे प्रमाणन प्रक्रिया को पूरा करने में आसानी होगी।

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'विधवाओं की होली-2025' का आयोजन

इस वर्ष की होली को 'विधवाओं की होली-2025' के नाम से मनाया जाएगा। यह आयोजन विधवाओं के जीवन में रंगों को वापस लाने के साथ-साथ उनकी सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वृंदावन के विभिन्न आश्रमों में रहने वाली हजारों विधवाएं इस अनूठे आयोजन का हिस्सा बनेंगी। वे गुलाल और फूलों की होली खेलेंगी, जिससे उनका जीवन रंगीन और खुशहाल हो सके।

सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश

'विधवाओं की होली' केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है। यह आयोजन दिखाता है कि समाज में बदलाव संभव है और हर किसी को त्योहारों का आनंद लेने का अधिकार है। भारत में परंपरागत रूप से विधवाओं को सफेद कपड़ों में रहने और सांसारिक सुखों से दूर रहने के लिए मजबूर किया जाता था। लेकिन वृंदावन में हो रही यह पहल इस पुरानी सोच को बदलने का प्रयास कर रही है।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराने की तैयारी

इस ऐतिहासिक आयोजन को विश्व पटल पर एक नई पहचान देने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अधिकारियों की उपस्थिति में इसे प्रमाणित किया जाएगा।

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आयोजन की प्रमुख विशेषताएं

  • 2000 से अधिक विधवाओं की भागीदारी – इस आयोजन में वृंदावन और अन्य स्थानों से आईं 2000 से अधिक विधवाएं हिस्सा लेंगी।
  • गुलाल और फूलों की होली – इस आयोजन में रंगों के बजाय फूलों और गुलाल से होली खेली जाएगी।
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम – कार्यक्रम में संगीत, भजन और कृष्ण लीला से जुड़े सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी।
  • गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम की उपस्थिति – यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह आयोजन आधिकारिक रूप से विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हो, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी।
  • पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा – इस आयोजन के माध्यम से वृंदावन के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

समाज में बदलाव की पहल

इस आयोजन का उद्देश्य केवल रिकॉर्ड बनाना नहीं है, बल्कि समाज में विधवाओं के प्रति सोच को बदलना भी है। यह आयोजन दिखाता है कि विधवाएं भी समाज का अभिन्न हिस्सा हैं और उन्हें भी त्योहारों का आनंद लेने का पूरा अधिकार है।

आयोजन का व्यापक प्रभाव

यह आयोजन केवल भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक समरसता का संदेश देगा। इससे न केवल विधवाओं के जीवन में बदलाव आएगा, बल्कि समाज में एक नई सोच को भी बढ़ावा मिलेगा।

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'विधवाओं की होली' एक ऐतिहासिक पहल है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही है। यह आयोजन न केवल विधवाओं के जीवन में खुशियों के रंग घोलेगा, बल्कि पूरे विश्व को यह संदेश देगा कि परंपराओं को बदला जा सकता है और हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलना चाहिए। यह होली एक नई सामाजिक क्रांति का प्रतीक बनेगी।