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कान्हा की नगरी में जीवंत हुई यमुना, नमामि गंगे परियोजना के तहत नदियों को दिया जा रहा है नया जीवन

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि यूपी सरकार की ओर से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों को अत्याधुनिक विधि से निर्मित किया जा रहा है। इनमें बिजली की कम से कम खपत के साथ-साथ बायोगैस प्लांट का प्रयोग किया जा रहा है।

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मथुरा. यूपी में सभी प्रमुख नदियों को सरकार प्रदूषण मुक्त बनाने का काम तेजी से कर रही है। नमामि गंगे परियोजना के तहत शहरों की लाइफ लाइन मानी जाने वाली नदियों को नया जीवन दिया जा रहा है। इसी क्रम में कान्हा की नगरी मथुरा में यमुना के शुद्धीकरण के लिए बड़ा कार्य किया गया है। नमामि गंगे की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार 460.45 करोड़ रुपये की लागत से यमुना में गिरने 20 नालों को टैप किया गया है। साथ ही 30 एमएलडी का एक नया एसटीपी बनाया गया है। नदियों को जीवंत करने के साथ-साथ इनमें सीवरेज गिरने की समस्या का भी अत्याधुनिक तरीके से समाधान किया जा रहा है।

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नमामि गंगे परियोजना के तहत मुरादाबाद में रामगंगा सीवरेज योजना एक बड़ा परिवर्तन लेकर आई है। यहां 330.05 करोड़ रुपये की लागत से 13 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है। इसके साथ 58 एमएलडी का अत्याधुनिक एसटीपी भी बनकर तैयार हो चुका है। मिर्जापुर के चुनार नगर में 2.70 करोड़ की लागत से 10 केएलडी का एक एफएसटीपी बनाया गया है।

वहीं, फिरोजाबाद में 51.06 करोड़ रुपये की लागत से 02 बड़े नालों को आईएंडडी विधि से टैप किया गया है। कासगंज में 76.73 करोड़ रुपये की लागत से 02 नालों को टैप करने के साथ-साथ 58 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य पूरा करा लिया गया है। नदियों की सफाई के लिए सरकार की ओर से तेजी से किये गये कार्यों से बड़ा बदलाव आया है।

सीवरेज ट्रीटमेंट की नई विधियों का प्रयोग काफी कारगर साबित हुआ है। इन ट्रीटमेंट प्लांटों से नालों का गंदा पानी शुद्ध होने के बाद नदियों में छोड़ा जाता है। इससे नदियों में प्रदूषण की मात्रा कम हुई है। मशीनों और नांवों के माध्यम से नदियों से गाद की सफाई करने का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।

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