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ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में आयेगा फैसला, बाहुबली मुख्तार अंसारी हैं आरोपी

कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है।

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Mukhtar ansari

मुख्तार अंसारी

मऊ. ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनायेगा। इस मामले में मऊ सदर के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी आरोपी हैं। 29 अगस्त 2009 में शहर कोतवाली के गाज़ीपुर तिराहे के पास ठेकेदार मन्ना सिंह और उसके साथी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट नं- 1 आदिल आफताब अहमद ने आरोपी सदर विधायक मुख्तार अंसारी सहित 11 आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में हाजिर होने का आदेश दिया है। फैसले के मद्देनजर कचहरी परिसर में कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त किया गया है।

एएसपी शिवजी शुक्ला के अनुसार कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुई कचहरी में सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किये गये हैं। पुलिसकर्मियों को सादे वेश में भी तैनात किया गया है, जो कचहरी परिसर में आने जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखेंगे।

हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी के अलावा उमेश सिंह, रजनीश सिंह, संतोष सिंह, राकेश कुमार पांडेय, अमरेश कन्नौजिया , अनुज कन्नौजिया, राजू उर्फ जामवंत कन्नौजिया, विनय सिंह,उपेंद्र सिंह, अरविंद यादव और कमलेश यादव भी आरोपी हैं, जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। बाद में कमलेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी। ठेकेदार मन्ना सिंह की हत्या मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाहों को पेश किया गया, वही बचाव पक्ष से चार गवाह पेश हुए। आठ साल से ज्यादा चले इस मुकदमे में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने 22 सितंबर को सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

29 अगस्त 2009 को हुई थी हत्या

ठेकेदार मन्ना सिंह व उसके साथी राजेश राय की 29 अगस्त 2009 को नगर कोतवाली क्षेत्र के नरई बांध स्थित यूनियन बैंक की शाखा के पास मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जबकि गोलीबारी में गाड़ी का चालक शब्बीर घायल हो गया था । इस मामले में वादी मुकदमा हरेंद्र सिंह की तहरीर पर कोतवाली नगर में मऊ के सदर विधायक मुख्तार अंसारी हनुमान पांडे समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। कहा जाता है कि वर्चस्व की जंग में मन्ना सिंह की हत्या हुई थी। सरकारी ठेकों में मन्ना सिंह बाहुबली मुख्तार अंसारी को लगातार चुनौती दे रहे थे, इसी वजह से उनकी हत्या की गई। इस मामले में गवाह राम सिंह मौर्या की भी हत्या हो चुकी है।