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Ganga Dussehra 2020: 520 साल बाद बन रहे 10 विलक्षण योग, Lockdown के दौरान ऐसे करें गंगा स्नान

Highlights गंगा दशहरा पर विंशोत्तरी दशा जैसे दस विलक्षण योग दस में से आठ वहीं योग जो गंगावतरण के समय थे एक जून को सोमवार के दिन है इस साल गंगा दशहरा

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मेरठ। एक जून 2020 दिन सोमवार को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2020) त्योहार है। कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी (Ganga River) का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन पवित्र नदी गंगा में स्नान करने से मनुष्य अपने पापों से मुक्त हो जाता है। ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष दशमी तिथि के दिन देव लोक की पावन नदी गंगा देवी धरती पर उतरी थी, जो राजा भगीरथ की तीन पीढ़िय़ों की कठिन तपस्या का प्रतिफल था। राजा सगर के पुत्रों के उद्धार के लिए भगवान शिव (Lord Shiva) के माध्यम से धरती (Earth) पर गंगा उतरीं।

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घर पर ही करें ऐसे गंगा स्नान

लॉकडाउन के चलते इस बार गंगा आदि के स्थानों पर जाना तो हो नहीं पाएगा। इसलिए लोगों को घर पर ही गंगा स्नान का आनंद लेना पड़ेगा। इसके लिए जल में गंगाजल न डालें बल्कि स्नान पात्र बाल्टी आदि में सबसे पहले गंगा जल डालें। उसके बाद उसे स्नान जल से भरें। इस प्रकार सम्पूर्ण जल बढ़कर गंगा जल हो जाएगा। इस प्रकार पूर्वोत्तर की तरफ मुख करके हर-हर गंगे, हरि-हरि की ध्वनि के साथ भक्ति भाव से किया गया दस बार लोटे या मग्गे से स्नान तीर्थ में दस डुबकी लगाने जैसा फल दे सकेगा। गंगा जल में आंवला चूर्ण, हल्दी, गिलोय अथवा कोई भी पवित्र जड़ी बूटियां मिश्रित करके किया गया स्नान वायरस रोगों को शमित करने वाला हो सकेगा।

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520 वर्षों बाद ऐसे अद्भुत महायोग

पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस बार बुध के स्थान पर सोमवार, आनन्द के स्थान पर सिद्ध योग व रवि योग हैं। दस में से बाकी आठ योग वही हैं, जो गंगावतरण पर थे। चन्द्र कन्या राशि हस्त नक्षत्र में, वृष राशि में सूर्य, व्यतिपात योग व गर करण। इस गंगा दशमी पर सूर्योदय समय पर शुक्र स्वराशि लग्न में, राहु बुध उच्च व स्वराशि के धन भाव में, भाग्य भाव में वक्रीय शनि गुरु की युति, विंशोत्तरी दशा चन्द्र मंगल आदि ऐसे विलक्षण योग 520 वर्षों बाद पड़ रहे हैं।

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ये हैं स्नान और दान के शुभ मुहूर्त- एक जून, दिन सोमवार को गंगा दशहरा के स्नान और दान के शुभ मुहूर्त प्रात: 5.24 से 7.30 तक अमृत योग, शुभ योग प्रात: 9.00 से 10.30 तक और सफलता योग दिन में 11.51 से 12.45 तक हैं।

दस पापों के विमोचन- गंगा दशहरा पर स्नान दान से दस प्रकार के दैहिक, वाणी व मानसिक पापों से मुक्ति के योग बनते हैं।

दस दान पदार्थ- अन्न, जल, फल, घी, तेल, शक्कर, नमक, हल्दी, पूजन सामग्री, सुहाग सामग्री के दान से आपके कर्मों में शुभ सफलता के योग बनेंगे।