
मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद बागपत जेल प्रशासन में बड़ा फेरबदल
बागपत. पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद अब याेगी आदित्यनाथ सरकार नींद से जाग गई है। यहीं वजह है कि बागपत जेल में सुरक्षा और सुरक्षाकर्मियों की कमी पूरी करने की कवायद तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद सुधार समिति बागपत जेल का निरीक्षण करेगी और सुरक्षा के उपाय तलाशेगी। इसके साथ ही शासन ने बागपत जेल में बंदी रक्षकों और एक डिप्टी जेलर की तैनाती कर दी है।
दरअसल, यह देश की बड़ी विडम्बना है कि सरकारें बड़ी घटनाओं के बाद ही अलर्ट होती हैं। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सुरक्षा की लिहाज से पहले ही अलर्ट पर रहता है, लेकिन इसके बावजूद यहां कभी भी कोई बड़ी घटना हो ही जाती है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बागपत जेल में देखने को मिला, जब जेल में पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी को गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। इसे सुरक्षा में चूक तो नहीं कहा जा सकता है। चर्चा है कि मिलीभगत से ही इस वारदात को अंजाम दिया गया, लेकिन प्रशासन यह मानने के लिए तैयार नहीं है। यही वजह है कि सुरक्षा में चूक मानते हुए बागपत जेल के लिए 13 और बंदी रक्षकों की तैनाती का फैसला लिया गया है।
इसके साथ ही एक डिप्टी जेलर की भी तैनाती की गई गयी है। इतना ही नहीं सुरक्षा में चूक को लेकर सुधार समिति को सख्त दिशा निर्देश जारी किए हैं, जो कारागारों में जाकर सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेगी, ताकि जेलों में चल रही लापरवाही को दुरूस्त किया जा सके। यहां बता दें कि यह पहली घटना नहीं है कि जेल में इस तरह की वारदात की गई है। भले ही बागपत जेल में पिस्टल से गोली मारने का यह पहला मामला हो, लेकिन कैदियों के भागने से लेकर नशे और अन्य सुविधाए मुहैया कराने में कई जेल पहले ही बदनाम हो चुकी हैं। यही कारण है कि जेलों में बंद कुख्यात जेल से ही फोन कर रंगदारी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन इस पर कोई पाबंदी अभी तक नहीं लग पाई है।
Published on:
14 Jul 2018 12:14 pm
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