
मेरठ। जिले में कोरोना से एक और मौत हो गई, इस बार भी शिकार एक बुजुर्ग मरीज बना, जिन्हें तीन दिन पहले हालात बिगडऩे पर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बुजुर्ग की मौत के बाद एक बार फिर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पर सवाल खड़ा हो गया। परिजनों का आरोप है कि शुरू से ही उनके इलाज में लापरवाही बरती गई जिसकी वजह से उनकी जान चली गई। वहीं इसके साथ ही जिले में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 16 तक पहुंच गया है जो पूरे सूबे में आगरा के बाद सबसे ज्यादा है।
जानकारी के अनुसार ब्रह्मपुरी थाना क्षेत्र के फूलमंडी निवासी 65 साल के देवेन्द्र ने मेडिकल में इलाज के दौरान गुरुवार सुबह पांच बजे दम तोड़ दिया। उन्हें 11 मई को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई थी। इसके बाद से ही यहां उनका इलाज चल रहा था। देर रात हालात बिगडऩे पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, जहां पांच बजे उनका निधन हो गया। उनके बेटे ने आरोप लगाया कि उनके पिता के इलाज में शुरू से ही हर स्तर पर लापरवाही बरती गई। बीती 9 मई को उनकी हालत खराब होनी शुरू हुई थी, जिसकी सूचना उन्होंने तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दी थी। दिनभर मिन्नतें करने के बाद शाम को उन्हें चेकअप के लिए मेडिकल कॉलेज बुलवाया गया, जहां से शाम को फिर घर भेज दिया गया। जबकि उनके पिता की तबियत लगातार बिगड़ती रही। उनकी रिपोर्ट आने में दो दिन लग गए जिसकी पुष्टि होने पर उन्हें 11 मई को मेडिकल में भर्ती कराया गया।
इसके बाद भी वहां उनका उपचार ढंग से नहीं हुआ। बेटे का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम ये है कि पिता में कोरोना की पुष्टि होने के बाद भी परिवार के बाकी चार लोगों के सैंपल अभी तक नहीं लिए गए हैं, जिससे वह भी दहशत में हैं। बेटे का यह भी कहना है कि पिता को कोरोना वार्ड में शिफ्ट करते समय वह भी उनके साथ गए थे और लगभग दो घंटे वार्ड में भी रहे, इसलिए उन्हें भी डर है कहीं उनमें की कोरोना का संक्रमण न हो गया हो। कई बार बताने के बाद भी न मेडिकल कॉलेज की ओर से इस संबंध में कोई सुनवाई न ही सीएमओ की तरफ से। बता दें कि कोरोना उपचार को लेकर मेरठ मेडिकल कॉलेज लगातार विवादों में बना हुआ है। तमाम मरीज और उनके परिजन इलाज में लापरवाही के आरोप लगा चुके हैं।
Published on:
14 May 2020 01:56 pm
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