11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चौधरी चरण सिंह पेड़ा-जलेबी के थे शौकीन. HMT घड़ी और घोती-कुर्ता थी पहचान

आज 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है। चौधरी चरण सिंह का मेरठ से पुराना नाता रहा है। वो पेड़े और जलेबी शौकीन थे।

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Kamta Tripathi

Dec 23, 2022

चौधरी चरण सिंह पेड़ा-जलेबी के थे शौकीन. HMT घड़ी और घोती-कुर्ता थी पहचान

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को था घोती कुर्ता और अपनी एचएमटी घड़ी से लगाव

किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का मेरठ से काफी करीबी नाता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पूरी शिक्षा मेरठ में हुई। चौधरी चरण सिंह का जन्म नूरपुर गांव में हुआ और प्राइमरी स्कूल में कक्षा 4 तक पढ़ाई की। लेकिन आगे की पढ़ाई के लिए अपने ताऊ के घर जानी आ गए थे।


जानी के गांव भूपगढ़ी में रहकर की पढ़ाई
गांव भूपगढ़ी के बुजुर्ग बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह ने अपने ताऊ के घर में रहकर पढ़ाई की थी। चरण सिंह गांव में रहते थे और यहीं रहकर शिक्षा प्राप्त की। गांव में चौधरी चरण सिंह अपने भाई गजपत सिंह के पास रहते थे। ग्रेजुएट की पढ़ाई उन्होंने मेरठ कालेज से पूरी की। वह रोजाना भूपगढ़ी गांव से पैदल 15 किमी चलकर मेरठ पढ़ने के लिए जाते थे।


यह भी पढ़ें : योगी सरकार वाराणसी में बनवाएगी वरुणा कॉरिडोर, अखिलेश यादव का था ड्रीम प्रोजोक्ट

भूपगढ़ी के पेड़े और मेरठ की जलेबी के शौकीन
चौधरी चरण सिंह मिठाई खाने के बड़े शौकीन थे। आज भी गांव भूपगढ़ी के पुराने लोग बताते हैं कि उनको मुन्नूलाल हलवाई के पेड़े बहुत पसंद थे। चौधरी चरण सिंह रोज मुन्नू हलवाई के पेड़े खाते थे। उन्हें मुन्नूलाल हलवाई के पेड़ों का स्वाद ऐसा भाया कि जब वह यूपी के सीएम बने तब भी मुन्नूलाल हलवाई के पेड़े यहां आकर खाया करते थे। जानी से जब मेरठ पढ़ने जाते थे तो बागपत गेट पर सोहन की जलेबी खाया करते थे।


यह भी पढ़ें : सर्दी जुखाम पीड़ित को बिना Covid-19 जांच नहीं मिलेगी दवा, नए वैरिएंट से निपटने की तैयारी पूरी

1980 में पीएम बनने के बाद दोस्त पदम सिंह से मंगा था पेड़ा
चौधरी चरण सिंह जब 1980 में देश के प्रधानमंत्री बने तो जानी में जनसभा को संबोधित करने के लिए आए थे। गांववाले बताते हैं कि उस दौरान उन्होंने अपने बचपन के दोस्त पदम सिंह से मुन्नू की दुकान से पेड़े मंगाकर खाए थे। उसके बाद तो क्षेत्र का कोई ग्रामीण चौधरी साहब से मिलने जाता तो मुन्नूलाल के पेड़े उनके लिए लेकर जाता था।


यह भी पढ़ें : IPS के बेटे ने कैट परीक्षा 2022 में किया टॉप, मिले 99.99 परसेंटाइल

हाथ में एचएमटी घड़ी और घोती-कुर्ता पहचान
जानी निवासी 80 साल के बुजुर्ग रामफल बताते हैं कि चौधरी चरण सिंह हमेशा सादगी की मिसाल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद जब भी चौधरी चरण सिंह जानी आए वो हमेशा धोती-कुर्ता में दिखे और उनके हाथ में एचएमटी घड़ी बंधी दिखाई दी।