27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जर्सी खरीद घोटाले को लेकर घेरा बीएसए कार्यालय, अफसर नहीं मिलने पर सुनाई खरी-खोटी, देखें वीडियो

Highlights घोटाले में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग बीएसए के नहीं मिलने पर भड़क उठे एबीवीपी के कार्यकर्ता शासन से 200 रुपये वसूलकर 80 की जर्सी देने का आरोप

2 min read
Google source verification
meerut

मेरठ। प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को सर्दी से बचाने के लिए मुफ्त जर्सी बांटने की योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। जर्सी खरीद के टेंडर में हुए घोटाले को लेकर गुरुवार को एबीवीपी के छात्रों ने बीएसए कार्यालय में जमकर हंगामा किया। बीएसए के न मिलने पर छात्रों ने कार्यालय में मौजूद अन्य अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाते हुए टेंडर में हुए घोटाले में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

यह भी पढ़ेंः दरोगा ने गाय वापस नहीं की तो सीएम के सामने आत्मदाह की दी चेतावनी, देखें वीडियो

एबीवीपी नेता उत्तम सैनी के साथ दर्जनों कार्यकर्ता बीएसए कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में बीएसए की कुर्सी खाली मिलने पर छात्रों ने बीएसए के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर हंगामा किया और वहीं धरना देकर बैठ गए। जिसके बाद कार्यालय में मौजूद अन्य अधिकारियों ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया तो छात्र नेताओं ने बीएसए कार्यालय में तमाम तरह के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। उत्तम सैनी ने बताया कि जर्सी खरीद घोटाले को लेकर बीती चार दिसंबर को भी छात्रों ने बीएसए कार्यालय में हंगामा करते हुए ज्ञापन सौंपा था।

यह भी पढ़ेंः Weather Alert: 2011 के बाद इस सीजन का रहा सबसे ठंडा दिन, अभी और पड़ेगी कड़ाके की सर्दी

उन्होंने आरोप लगाया कि उस दिन भी बीएसए अपने कार्यालय से गायब थे और आज भी नदारद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यालय में तमाम तरह के भ्रष्टाचार की जानकारी होने के कारण बीएसए सामना करने से बच रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शासन से दो सौ रुपए की राशि वसूल कर गरीब छात्रों को मात्र 80 का रुपए स्वेटर दिया गया है। उन्होंने इस घोटाले में लिप्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। काफी देर चले हंगामे के बाद अधिकारियों ने किसी प्रकार छात्रों को समझा-बुझाकर वापस भेजा।