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यह बाॅलीवुड अभिनेत्री इस सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहती, इसके पीछे हैं ये खास वजहें

2019 लोक सभा चुनाव में अब मुंबर्इ से चुनाव लड़ने की इच्छा जतार्इ  

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यह बाॅलीवुड अभिनेत्री इस सीट से चुनाव नहीं लड़ना चाहती, इसके पीछे हैं ये खास वजहें

मेरठ। 2014 लोक सभा चुनाव में कांग्रेस के स्थानीय नेता टिकट के लिए भागदौड़ कर रहे थे। एक वरिष्ठ नेता ने तो अपना टिकट पक्का मानकर चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी हार्इकमान ने सबको चौंकाते हुए फिल्म अभिनेत्री नगमा को मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर उम्मीदवार बना दिया था। स्थानीय नेताआें आैर कार्यकर्ताआें ने हार्इकमान का आदेश मान तो लिया, लेकिन अंदरुनी तौर पर वे नगमा से कटने लगे। यह कुनैटबाजी नगमा के नामांकन भरने से लेकर चुनाव प्रचार आैर रिजल्ट आने तक दिखी। मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट के परिणाम पर जाएं तो भाजपा के उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल को बड़ी जीत हासिल हुर्इ थी। नगमा करीब 43 हजार वोट लेकर चौथे स्थान पर रही थी। यह तब था जब नगमा ने चुनाव प्रचार में कोर्इ कमी नहीं छोड़ी थी। चुनाव हारने के बाद भी नगमा मेरठ से जुड़ी रही। त्योहार व विशेष मौकों पर नगमा मेरठ में आती रही, लेकिन अब 2019 में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनने की बात आयी तो उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जताते हुए मुंबर्इ से चुनाव लड़ने पर सहमति जतार्इ है।

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चुनाव प्रचार के दौरान हुर्इ थी बद्तमीजी

2014 में नगमा के मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा के बाद उम्मीदवार बनने के सपने संजोए कुछ कांग्रेस नेता नाराज हो गए थे। नगमा ने जैसे ही मेरठ में कदम रखा तो पहले उन्हें मनाया गया आैर जब वे मान गए तो उनके पर्चा भरने से लेकर मतदान के दिन तक नगमा को अपनी पार्टी के नेताआें व कार्यकर्ताआें से जूझना पड़ा। हापुड़ में रोड शो के दौरान कांग्रेस के स्थानीय विधायक गजराज सिंह ने कथित तौर पर नगमा के गाल को चूमा था। एेसा करने पर नगमा ने उनका हाथ साफतौर पर झटक दिया था। इस घटना के फोटो व वीडियाे खूब वायरल हुए थे। हालांकि नगमा ने एेसी घटना होने से नकार दिया था, जबकि वीडियो फुटेज में सबकुछ साफ दिख रहा था। हापुड़ के अलावा मेरठ के जली कोठी सभा समेत कर्इ माैकों पर नगमा को प्रचार के दौरान लोगों की बद्तमीजी झेलनी पड़ी थी। चुनाव प्रचार के दौरान भी स्थानीय कांग्रेसी नेताआें पर भी नगमा को सहयोग नहीं देने के आरोप लगे थे।

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पहले दिन नहीं भर पायी थी पर्चा

2014 लोक सभा चुनाव में स्थानीय पार्टी नेताआें के बीच अंदरुनी राजनीति इतनी थी कि नगमा ने बार-बार देखी। चुनाव के लिए पर्चा भरने की अंतिम तारीख से पहले दिन नगमा को जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में दो घंटे खड़ा रहना पड़ गया था, क्योंकि कांग्रेसी नेताआें ने उनके नामांकन पत्र में खामियों को पूरा नहीं किया था आैर एक कांग्रेसी नेता इसे ठीक कराने के बहाने नामांकन पत्र लेकर गायब हो गया था। नगमा अगले दिन अपना पर्चा भर सकी थी। चुनाव के दौरान अपने मेरठ प्रवास के दौरान कांग्रेसी नेताआें ने नगमा को कैंट क्षेत्र की जिस कोठी में ठहराया था, उसमें काफी विवाद था, इसको लेकर भी उस समय नगमा आैर कांग्रेसी नेताआें की बड़ी किरकिरी हुर्इ थी।

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मतदान के दिन ये था सीन

2014 लोक सभा चुनाव के मतदान के दिन भी नगमा को अधिकतर बूथों पर चंद कांग्रेसी नेताआें के साथ घूमना पड़ा था। उस दिन भी स्थानीय कांग्रेसी नेता आैर कार्यकर्ता नगमा से अलग-थलग दिखार्इ दिए। चुनाव हारने के बाद नगमा ने फिर भी मेरठ से संबंध बनाए रखा। महत्वपूर्ण मौकों पर वह अब तक भी मेरठ आती रही आैर स्थानीय कांग्रेसी नेताआें के बीच अंदरुनी राजनीति को दूर करने का प्रयास करती रही, लेकिन यह उनकी असफल कोशिश रही। 2019 में लोक सभा चुनाव में अब उम्मीदवारी की बात आयी तो मौजूदा हालात देखते हुए नगमा ने यहां से चुनाव लड़ने की बजाय मुंबर्इ से उम्मीदवारी की इच्छा जतार्इ है। इसके पीछे वही वजहें मानी जा रही हैं जो उन्होंने 2014 लोक सभा चुनाव में झेली थी।


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