
मेरठ। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला शनिवार को सुना दिया। कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन पर रामलला का हक माना है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है, जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है। कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है।
राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है। इस फैसले का स्वागत मेरठ में हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदायों ने किया। फैसला आने के बाद मुस्लिमों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि सभी को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करना चाहिए। फैसला आने के बाद मुस्लिमों ने लड्डू बांटे और एक-दूसरे को खिलाए। साथ ही उधर से गुजरने वाले लोगों को भी बांटे।
इसी बीच, कारी शफीकुर्रहमान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में दो पक्षों के मामला चलता है और एक पक्ष के हक में फैसला आता है तो दूसरे पक्ष को उत्तेजित होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सबको कोर्ट के फैसले का स्वागत करना चाहिए।
Published on:
09 Nov 2019 12:55 pm
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