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Ground Report: मेरठ में एक ही परिवार के 13 केस मिलने के बाद आसपास के मोहल्लों में दहशत, नहीं खुले तीन दिन से दरवाजे

locationमेरठPublished: Mar 30, 2020 12:28:50 pm

Submitted by:

sanjay sharma

Highlights

शास्त्रीनगर के सेक्टर-13 के लोगों ने नहीं खोले घर के दरवाजे
इसके आसपास की सड़कों पर दूर तक पसर गया है सन्नाटा
लाउडस्पीकर से दी जा रही घर के भीतर रहने की सलाह

 

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केपी त्रिपाठी, मेरठ। ये सड़क शास्त्रीनगर के सेक्टर-13 की है, यहां एक ही परिवार के 13 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पहले दिन एक व्यक्ति, दूसरे दिन चार और फिर रविवार की रात में एक साथ 8 लोगों को कोरोना पॉजिटिव आने से प्रशासन के साथ स्वास्थ्य विभाग की तो हवाइयां उड़ी हुई हैं। इसके साथ ही इस सेक्टर-13 में रहने वाले 7,862 लोगों में भी खौफ है। पहला कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद से पूरे क्षेत्र को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। तीन दिन से इस क्षेत्र में किसी ने अपने घर का दरवाजा भी नहीं खोला।
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जिस क्षेत्र में कोरोना पॉजिटिव मिला उसके आसपास के रहने वाले लोगों को यहीं चिंता सता रही है कि अगला नंबर उनका तो नहीं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस पूरे क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है और वह हर घर का दरवाजा खटखटाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी कर रही है। दरवाजा खटखटाने पर धीरे से एक ही व्यक्ति अपनी गर्दन बाहर निकालकर देखता है कि कौन है। सेक्टर-13 के चारों ओर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाए हुए हैं और एक जनऔषधि केंद्र को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के लिए खुलवाया हुआ है।
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वहीं पुलिस की गाड़ी हर 15 मिनट बाद इस क्षेत्र में गश्त लगाकर लोगों को घरों के भीतर ही रहने के लिए लाउडस्पीकर से एनाउंस कर रही है। चारों तरफ सन्नाटा है और इस सन्नाटे को चीरती पुलिस की गाड़ी की आवाजेंं। कहीं-कहीं एंबुलेंस की आवाज भी सुनाई देती है। इस क्षेत्र के भीतर एनजीओ और अन्य बाहरी लोगों को भी जाने की पूरी तरह से मनाही है। तीन दिन पहले तो सेक्टर-13 के लोग लॉकडाउन के दौरान थोड़ा बहुत सड़कों पर आते थे। इतना ही नहीं गली-मोहल्लों में सब्जियों को बेचने की आवाजें सुनाई देती थी, लेकिन अब सब कुछ बिल्कुल बंद है।
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दूध-ब्रेड और अखबार सब बंद

एक ही जगहों पर 13 कोरोना पॉजिटिव केस पाए जाने के बाद हालात ये हैं कि सेक्टर-13 के इलाके को सील करने के बाद से इस इलाके के लोगों को तीन दिन से दूध-ब्रेड और अखबार भी नहीं मिल पा रहा है। दूध के लिए पराग की ओर से एक गाड़ी सुबह आती है। वहीं सबको दूध बांटकर चली जाती है। क्षेत्र में पूरी तरह से घोषित कर्फ्यू वाली स्थिति हो गई है। जिन सड़कों पर राह चलते लोगों पर कुत्ते भौंकते करते थे आज उन सड़कों पर वे कुत्ते भी दहशत में हैं। उनका भी कुछ अता-पता नहीं है।
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