
मेरठ। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे (Delhi-Meerut Expressway ) पर होली (Festival Holi) के बाद वाहन फर्राटा भर सकेंगे। चार चरण में से दो का कार्य पूरा हो चुका है और दो चरणों में काम तेजी से चल रहा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो होली तक काम पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह (General Vijay Kumar Singh) ने मार्च 2020 तक एक्सप्रेसवे पर काम पूरा करने का दावा किया है।
मेरठ से हजारों लोग रोजाना दिल्ली तक अपने कामकाज को लेकर सफर तय करते हैं। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे से उनका सफर आसान हो जाएगा, क्योंकि 82 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे से दिल्ली का सफर करीब 45 मिनट का हो जाएगा। आरएसएस की क्षेत्रीय समन्वय बैठक में हिस्सा लेने आए केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने दावा किया कि मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे का काम अगले तीन महीने में पूरा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि दो चरणों पर काम चल रहा है। मुख्य चरण डासना से मेरठ के 32 किलोमीटर के मार्ग में जमीन की अड़चनें आ रही थी, जिन्हें प्रदेश सरकार की ओर से दूर कर लिया गया है। चौथे चरण में डासना, कुशलिया, नाहल, रसूलपुर, सिकरोड गांवों में जमीन का मामला चल रहा था। इन चारों गांवों की जमीन का लगभग 50 करोड़ से अधिक का मुआवजा बांटा जाना था। इस मामले को फिलहाल निपटा लिया गया है। इसके बाद से चौथे चरण के कार्य में तेजी आ गई है। डासना से मेरठ तक के चौथे चरण में मेरठ में भी इस पर कार्य में तेजी आ गई है। दिल्ली-मेरठ हाइवे के बीच में फ्लाईओवर पर गार्डर रखने का काम चल रहा है।
मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे देश का सबसे अधिक 16 लेन वाला पहला एक्सप्रेसवे है। 82 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट पर 6273 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है। इसमें अभी तक सराय काले खां से यूपी गेट और डासना से हापुड़ तक के दो चरणों का काम पूरा कर लिया गया है। यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ तक के चरण का काम तेजी से चल रहा है।
Published on:
29 Dec 2019 10:22 am
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