
मेरठ. कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एक बार फिर से 'आगरा मॉडल' की सरकार ने तारीफ की है। अब मेरठ मंडल के दो जिलों मेरठ ( Meerut ) और गाजियाबाद ( Ghaziabad ) में बढ़ते कोरोना वायरस ( coronavirus ) को रोकने के लिए इसी आगरा मॉडल का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए आगरा मेडिकल काॅलेज के चिकित्सकों से मेरठ मेडिकल काॅलेज के चिकित्सकों ने बात की है। वहीं शासन स्तर पर इस पर गंभीरता से विचार चल रहा है।
आगरा ( Agra ) के एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के सीनियर डॉ. टीपी सिंह को सीएम योगी के निर्देश पर गाजियाबाद और मेरठ में संक्रमण के नियंत्रण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वह लखनऊ में दो दिन रुककर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज, जांच, आइसोलेशन वार्ड में इंतजाम, चिकित्सकीय स्टाफ की कार्य योजना को परखने का काम करेंगे। इसके बाद आगरा में अपनाई जा रही कार्ययोजना, जांच, इलाज और बचाव की रिपोर्ट बनाकर सीएम को सौपेगे। इसके बाद यही मॉडल मेरठ और गाजियाबाद में लागू किया जाएगा।
ये है आगरा मॉडल
ट्राएज ओपीडी की व्यवस्था कर बुखार-जुकाम, खांसी समेत कोरोना वायरस के लक्षणों वाले संदिग्ध मरीजों की स्क्रीनिंग। लक्षण मिलने पर संदिग्ध मरीज को भर्ती करते हुए ट्रू नॉट मशीन से जांच। जिससे घंटे-दो घंटे में रिपोर्ट आने के बाद इलाज शुरू कर देना। इसके साथ ही आइसोलेशन वार्ड में प्रसव कक्ष, ऑपरेशन थिएटर, डायलिसिस की व्यवस्था दुरूस्त होने के साथ ही स्टाफ की रोस्टर प्लान से ड्यूटी। मरीजों की दिन में तीन बार देखने की व्यवस्था।
इस बारे में सीएमओ डाॅ. राजकुमार ने बताया कि आगरा मॉडल फिर से काफी सफल रहा है। आगरा में पिछले 60 दिन में केसों की संख्या दोगुनी हुई है। जबकि वहां स्थिति शुरुआत में बड़ी खराब थी। अब मेरठ और गाजियाबाद में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, जिसको रोकने के लिए इस माॅडल को अपनाया जाएगा।
Published on:
06 Jul 2020 12:37 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
