
मेरठ। खेतों में जलाए जा रहे अवशेषों के कारण वेस्ट यूपी, दिल्ली और एनसीआर में सांस लेने में लोगों को दिक्कत हो रही है। हवा की गुणवत्ता पर इसका असर पड़ रहा है। एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान में कमी और हवा चलने से वायु प्रदूषण में सुधार आ सकता है। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी आरके त्यागी का कहना है कि खेतों में अवशेष जलाए जाने पर सख्ती बरती जा रही है। दिवाली तक शहर के चौराहों पर वायु के साथ ध्वनि प्रदूषण की निगरानी शुरू कर दी गई है।
मेरठ में अधिकतम तापमान 30.2 और न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो कि पिछले दिन के मुकाबले एक डिग्री कम है। अधिकतम आद्र्रता 69 और न्यूनतम आद्र्रता 42 फीसदी दर्ज की गई। मौसम धीरे-धीरे सर्द हो रहा है, लेकिन हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है। मेरठ का एक्यूआई 249 के मुकाबले 255 पर पहुंच गया है।
मौसम वैज्ञानिक डा. एन. सुभाष का कहना है कि दिवाली तक स्मॉग का असर ज्यादा रह सकता है। तापमान में धीरे-धीरे कमी दर्ज की जाएगी। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके त्यागी का कहना है कि क्षेत्र में वायु प्रदूषण बढऩे का कारण खेतों में अवशेष जलाना भी है। इसे रोकने के लिए जनमानस से भी सहयोग की जरूरत है। किसान खेतों में अवशेष न जलाकर प्रदूषण रोकने में बहुत सहयोगी हो सकते हैं।
Published on:
22 Oct 2019 06:12 pm
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