
मेरठ। मेरठ के गांव डोरली के नरेंद्र नागर की जेल में हुई संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। इस मामले में मेरठ में पहले ही बहुत राजनीति हो चुकी है। जिसमें भाजपा के अलावा सपा और बसपा भी अपना-अपना राजनैतिक हित साध चुके हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस प्रकरण को अभी भी नहीं छोड़ा है। सपा के अतुल प्रधान इस मामले में भाजपा सरकार और मेरठ प्रशासन को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हुए पीड़ित परिवार को लखनऊ लेकर पहुंच गए।
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पीड़ित परिवार को मिलवाया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की पुरजोर तरीके से मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में गरीबों पर अत्याचार बढ़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी की ओर से पीड़ित परिवार को साढ़े पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद की और प्रदेश में सरकार आने पर एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा भी किया। मृतक नरेन्द्र के भाई जितेंद्र के अनुसार अखिलेश ने उसकी मां मुन्नी देवी और भाभी ममता को 25-25 हजार रुपये की तत्काल नकद आर्थिक सहायता की। इसके साथ ही पांच लाख का ड्राफ्ट डोरली में सपा नेता अतुल प्रधान के हाथ से भेजने की बात कही।
क्या था मामला
डोरली का नरेन्द्र गाड़ी चलाता था उसने अपने डीसीएम को एक पशु विक्रेता को दे दिया था। जिसको रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया था और पशु तस्करी का आरोप लगाते हुए नरेन्द्र को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जिससे जेल में नरेन्द्र की मौत हो गई थी। जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। नरेन्द्र के गुर्जर जाति के होने के कारण गुर्जर बिरादरी की पंचायत भी हुई थी। जिसमें भाजपा के विधायक और सपा नेताओं सहित तमाम गुर्जर बिरादरी के बड़े लोगों ने शिरकत की थी। पंचायत में सर्वसम्मति से नरेन्द्र की मौत का जिम्मेदार प्रशासन और सरकार को ठहराया गया था। इस पूरे प्रकरण में अब तक राजनीति हो रही है।
Published on:
11 May 2018 04:59 pm
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