
कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान भंडारा लगाने वालों की दास्तान सुनेंगे तो रह जाएंगे सन्न
मेरठ। जम्मू-काश्मीर में भाजपा और पीडीपी की सरकार होने के बाद भी वहां पर यहां से गए श्रद्धालुओं के साथ जे एंड के के पुलिसकर्मी काफी अभद्र व्यवहार करते थे। हालांकि सरकार में भाजपा भी शामिल थी, लेकिन फिर भी उसके हाथ में वहां पर कुछ भी नहीं था। ऐसा कहना है अमरनाथ यात्रा के दौरान प्रतिवर्ष भंडारा लगाने वाले विनोद ग्रोवर का। विनोद ग्रोवर करीब 23 साल से जम्मू-काश्मीर के शेषनाग व बेस कैंप चंदनवाड़ी पर अपना भंडारा लगाते है। उनका भंडारा करीब एक महीने चलता है। इस बार भी वह 28 जून से 28 जुलाई तक अमरनाथ यात्रियों की सुविधा के भंडारा लगाएंगे। वह मेरठ से करीब दस ट्रक खाद्य सामग्री लेकर जाते हैं।
राष्ट्रपति शासन में अधिक सुरक्षित रहेंगे
विनोद ग्रोवर का कहना है कि पिछले तीन साल से जम्मू-कश्मीर सरकार से कोई सहयोग नहीं मिलता है। भंडारे और यात्रा की सुरक्षा का जिम्मा कश्मीर पुलिस का होता है, लेकिन वे लोग सुरक्षा के नाम पर देश के अन्य हिस्सों से गए लोगों से अभद्र व्यवहार करते हैं। अधिकारी तो शालीनता से बात करते हैं, लेकिन सिपाही और दरोगाओं को तो श्रद्धालुओं से बात करने की तहजीब तक नहीं होती। सुरक्षा के नाम पर वे पूरे दल को एक ही जगह रखते हैं। ऐसा लगता है जैसे अपनेे ही देश में हम बंधक बन गए हो। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह फैसला बिल्कुल सही है। इससे कश्मीर के हालात में भी सुधार होगा और अमरनाथ यात्रियों को अपने जवानों के साथ यात्रा करने को मिलेगी। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद यात्रियों की सुरक्षा भारतीय सैनिकों और बीएसए के जवानों के हाथ में होगी। जिसमें यात्री अपने आपको अधिक सुरक्षित महसूस करेगा। उन्होंने पिछले तीन साल के अनुभव के आधार पर बताया कि कश्मीर के हालात बहुत खराब हैं। वहां पर आप कहीं जा नहीं सकते। वहां पर जाकर ऐसा लगता है कि जैसे कि हम किसी दूसरे देश में आ गए हों। वहां के लोगों में हिन्दुस्तान के प्रति नफरत भरी हुई है। यह कैसी विडंबना है कि अपने ही देश में प्राकृति के स्वर्ग में हम खुलेआम नहीं घूम सकते।
Published on:
20 Jun 2018 06:48 pm
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