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दुष्कर्म आरोपी को नहीं पकड़ने से क्षुब्ध पीड़िता ने की आत्महत्या, ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, इंस्पेक्टर लाइन हाजिर

Highlights पुलिस ने दुष्कर्म आरोपी को रिपोर्ट दर्ज करने के बाद भी नहीं किया गिरफ्तार पंचायत में पूर्व प्रधान ने पीड़िता के पिता को मारा था थप्पड़, सदमे में थी पीडि़ता पुलिस ने छह दिन बाद दर्ज की थी रिपोर्ट, खुलेआम घूम रहा था दुष्कर्म आरोपी  

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मेरठ। मवाना क्षेत्र में पुलिस की निष्क्रियता और पूर्व प्रधान द्वारा भरी पंचायत में पिता को थाप्पड़ मारने व गांव छोड़ने के फरमान से क्षुब्ध दुष्कर्म पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। एसएसपी अजय साहनी ने इंस्पेक्टर मवाना विनय आजाद को लाइन हाजिर करके निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया है।

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परिवार के सदस्य बुधवार को खेत से लौटे तो उन्होंने मकान की दूसरी मंजिल पर छात्रा का फंदे से लटका शव देखा। इसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उन्होंने पुलिस को मौके पर बुलाने की मांग की तो इंस्पेक्टर मवाना का स्वास्थ्य खराब होने पर मौके पर नहीं आए तो चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह छुट्टी पर चले गए। परिजनों और ग्रामीणों ने शव रखकर हंगामा किया। इसके बाद एसपी क्राइम अर्ज ने लोगों को आश्वासन देकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। एसएसपी ने इंस्पेक्टर मवाना को लाइन हाजिर कर दिया।

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मामला 19 जनवरी का है। मवाना क्षेत्र के गांव में 60वर्षीय बृजपाल 16 वर्षीय किशोरी छात्रा पर बुरी नजर रखता था। पिता अपनी बेटी को पुलिस भर्ती की तैयारी करा रहे थे, जब सुबह के समय वह दौड़ के लिए जाती थी तो बृजपाल उस पर कमेंट करता था। फिर 19 जनवरी को बृजपाल ने किशोरी को घर में अकेला पाकर तमंचे के बल पर उसके साथ दुष्कर्म किया। उस समय परिजन खेत पर काम करने गए थे। पहले तो परिवार खामोश रहा, लेकिन जब किशोरी की हालत बिगडऩे लगी तो दो दिन बाद पीडि़त परिवार ने समाधान दिवस पर इसकी शिकायत की। फिर भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था। मवाना थाने पर ग्रमाीणों द्वारा हंगामा करने के बाद पुलिस ने केस दर्ज किया।

इसके बाद भी पुलिस ने आरोपी बृजपाल को गिरफ्तार नहीं किया। वह खुलेआम घूमता रहा और पीडि़ता के परिजनों को धमकी देता रहा। इससे किशोरी मानसिक तनाव में थी। बताते हैं कि इस मामले में पंचायत भी हुई थी और पंचायत में आरोपी पक्ष के पूर्व प्रधान ने पीडि़ता के पिता को थप्पड़ मार दिया और गांव से निकलने का फरमान सुना दिया। पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर क्षुब्ध किशोरी ने आत्महत्या कर ली।