
मेरठ। एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटीयू) का एक सिपाही रेडलाइट एरिया कबाड़ी बाजार में महीना बांधने पहुंच गया। गाली-गलौज व अभद्रता के विरोध में कालगर्ल्स ने एसएसपी ऑफिस में हंगामा कर सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एसएसपी की अनुपस्थिति में पुलिस अफसर ने जांच करने का कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ। सारथी संस्था की अध्यक्षा कल्पना पांडेय व गुड्डू के नेतृत्व में दर्जनभर महिलाएं एसएसपी ऑफिस पहुंची। उन्होंने बताया कि वे कबाड़ी बाजार में कोठा चलाती हैं। देर रात एएचटीयू का एक सिपाही कोठों पर पहुंचा और हर महीना पांच हजार रुपये देने की मांग की। विरोध करने पर सिपाही ने उनके साथ गाली-गलौज व मारपीट तक की। महिलाओं ने कहा कि उक्त सिपाही जबरन कोठों में घुस आता है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि उक्त सिपाही करीब एक साल पहले कंकरखेड़ा थाने से शराब तस्करी के आरोप में निलंबित भी हो चुका है।
सिपाही पर लगाए ये भी आरोप
कोठा संचालिकाओं ने आरोप लगाया कि सिपाही एक महिला से छेड़छाड़ करता है। एक बार पीड़िता ने टोल प्लाजा में पुलिस को सूचित किया था। दौराला पुलिस ने आकर पीड़िता को बचाया था। आरोप लगाया कि सिपाही अधिकांश सादा कपड़ों में रहता है तथा पिस्टल दिखाकर खुद ही महिलाओं की तलाशी के नाम पर छेड़छाड़ करता है। कोठा संचालिकाओं ने सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। वहीं, सिपाही का कहना है कि उस पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। एएचटीयू में ही तैनात एक एचसीपी और उसके दलाल ने साजिश के तहत झूठे आरोप लगवाए हैं।
पहले भी लगते रहे हैं आरोप
कबाडी बाजार में रहने वाली वर्करों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा छेडछाड के आरोप नई बात नहीं है। ब्रहमपुरी के एक सिपाही पर भी इससे पूर्व छेड़छाड़ के आरोप लग चुके हैं। इस पूरे प्रकरण के बारे में सीओ कोतवाली से बात की गई तो उनका कहना था मामले की जांच की जाएगी।
Published on:
25 Apr 2018 06:32 pm
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