
मेरठ। कंकरखेड़ा स्थित 510 आर्मी वर्कशाप (Army Base Workshop) समेत देशभर की आठ आर्मी वर्कशाप का संचालन निजी कंपनी को सौपने की तैयारी चल रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसके लिए प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है। हालांकि निजी कंपनी (Private Company) को सौंपने के बाद भी इनमें नियंत्रण सरकार (Modi Government) का ही रहेगा लेकिन संचालन और वर्कशाप का सभी प्रकार का काम निजी कंपनी को करना होगा। ये निजी कंपनी जरूरत पड़ने पर बाहर से भी काम करवा सकेंगी। माना जा रहा है कि यह कदम खर्च घटाने और बेस वर्कशाप की कार्यकुशलता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
बता दें कि देश में मेरठ सहित आठ बेस वर्कशाप हैं। जो मेरठ, आगरा, जबलपुर, बेंगलुरू, कनकीनारा (पश्चिम बंगाल), प्रयागराज, किरकी (पुणे) में स्थित हैं। इनमें सेना से जुड़े सभी प्रकार के सैन्य वाहन, टैंक उपकरण की सर्विस और मरम्मत का काम होता है। रिपोर्ट के अनुसार सेना की इन संवेदनशील वर्कशापों को निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। जिसके तहत सेना के नियंत्रण में निजी कंपनियां इनका संचालन करेगा। डीपीआर तैयार करने के बाद इन्हें निजी क्षेत्र की मदद से आगे चलाया जाएगा।
मेरठ 510 आर्मी बेस वर्कशाल के पास काफी भूमि भी है, उसका भी और क्या इस्तेमाल हो सकता है, इस पर भी सेन्य अधिकारी विचार कर रहे हैं। कोशिश यह की जा रही है कि इसका इस्तेमाल भी मरम्मत एवं निर्माण के कार्य के लिए किया जाए। इससे सेन्य वर्कशाप को आगे बढ़ाया जाएगा। सेना की तरफ से यह भी बताया गया कि यदि निजी क्षेत्र का संचालन शुरू होने के बाद यदि वर्कशाप के पास क्षमता बचती है तो वह सेना से बाहर का कार्य भी ले सकेंगे। किसी वर्कशाप में ट्रक रिपेयर होते हैं तो वह बाहर के ट्रक भी रिपेयर कर सकेंगे। बता दें कि सेना की इस 510 आमी बेस वर्कशाप की दशा और क्षमताओं पर सीएजी की तरफ से भी सवाल उठाए जा चुके हैं।
Published on:
06 Aug 2021 02:31 pm
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