
मेरठ. किसान आंदोलन को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजनीति चरम पर है। रालोद समेत सपा-बसपा, आप और कांग्रेस ने भारत बंद को समर्थन देकर राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। वहीं, सोमवार को सपा की प्रस्तावित किसान यात्रा को लेकर मेरठ में पुलिस और सपाइयों के बीच जोरदार झड़प हुई। जिसके बाद पुलिस ने दर्जनों सपाइयों को गिरफ्तार कर लिया और उनको पुलिस लाइन भेज दिया। जबकि सपा विधायक रफीक अंसारी को घर में ही नजरबंद कर दिया गया। विधासक रफीक अंसारी ने कहा कि ये सरकार तानाशाह है। भाजपा की तानाशाही का जनता 2022 में जवाब देगी। उन्होंने कहा कि रविवार रात में 11 बजे से उनके घर के बाहर पहरा बैठा दिया गया। घर के किसी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।
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बता दें कि किसान आंदोलन को समर्थन देने जा रहे समाजवादी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मेरठ और आसपास के जिलों में सोमवार को बड़ी संख्या में गिरफ्तार किया गया है। किसान यात्रा निकाल रहे सपा जिला अध्यक्ष समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर हंगामे और झड़प के बीच पुुुलिस लाइन भेज दिया। सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ता जैसे ही जेल रोड स्थित पार्टी कार्यालय से कमिश्नरी चौराहे की ओर बढ़े तो वहां पहले से तैनात पुलिस बल ने सपा कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया। इसे लेकर सपा कार्यकर्ताओ और पुलिस में झड़प शुरू हो गई।
झड़प के बाद पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को बलपूर्वक गिरफ्तार करना शुरू किया तो भगदड़ मच गई। पुलिस ने सपाइयों को गाड़ी में बैठा लिया और पुलिस लाइन ले गई। जहां पर सपाई पुलिस घेराबंदी में नारेबाजी कर विरोध जताते नजर आए। सपा जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह का कहना है कि वह शांतिपूर्वक किसानों के समर्थन में यात्रा निकाल रहे थे। वहीं, सपा नेता अतुल प्रधान ने अपने आवास से किसान यात्रा निकाली तो उनको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और बस में बैठाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया। अतुल प्रधान को भी रात से ही घर पर नजरबंद रखा गया था।
Published on:
07 Dec 2020 03:03 pm
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