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फर्जी नायब तहसीलदार बनकर एेसे ठगता था लोगों को, काफी मशक्कत के बाद आया पुलिस की पकड़ में

लाखों रुपये की ठगी कर चुका, उसके शानो-शौकत देखकर झांसे में आते थे लोग  

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meerut

फर्जी नायब तहसीलदार बनकर एेसे ठगता था लोगों को, काफी मशक्कत के बाद आया पुलिस की पकड़ में

मेरठ। भावनपुर पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोप में पिछले दो वर्ष से फरार चल रहे आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी एक रिटायर्ड नायब तहसीलदार का भतीजा है। युवक आवास विकास की योजनाओं में फ्लैट दिलाने के नाम पर अब तक कई लोगों को लाखों का चूना लगा चुका है। पुलिस के अनुसार पकड़ा गया व्यक्ति करीब एक करोड़ की ठगी कर चुका है। यह फ्लैट दिलवाने के नाम पर लोगों को ठगता है और उन्हें फर्जी आवंटन पत्र थमाकर लाखों की ठगी करता था। ठगे हुए व्यक्ति को पता चला कि जब वह फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए जाता था और फ्लैट का मालिक कोई होता था। एेसा करके आरोपी सैकड़ों लोगों को ठग चुका है।

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फ्लैट आवंटित करने के नाम पर करता था ठगी

एसओ भावनपुर धर्मेन्द्र सिंह राठौर ने बताया कि वर्ष 2016 में गेसुपुर रोड शिवशक्ति विहार निवासी अमर सिंह ने अपने पड़ोसी संजीव सिरोही के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। अमर सिंह का आरोप था कि संजीव ने उसे आवास विकास परिषद की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में फ्लैट आवंटित कराने का दावा किया था। आरोप है कि अग्रिम धनराशि के रूप में दिया गया पांच लाख का चेक संजीव ने अपने खाते में कैश करा लिया। वहीं अमर सिंह को आवास विकास परिषद द्वारा किया गया फर्जी आवंटन पत्र थमा दिया, लेकिन जब वह फ्लैट पर कब्जा लेने पहुंचे तो पता चला कि उक्त फ्लैट किसी बबीता नाम की महिला के नाम आवंटित किया गया है।

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रिटायर्ड नायब तहसीलदार का भतीजा

अपने खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद से आरोपी संजीव सिरोही फरार था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी संजीव एक रिटायर्ड नायब तहसीलदार का भतीजा है। वह नायब तहसीलदार के नाम की पट्टिका लगी गाड़ी में घूमकर लोगों पर रौब गालिब करता था। लग्जरी गाड़ियों का शौकीन संजीव कपड़ों की तरह मोबाइल बदलता है। उसके रहन-सहन से प्रभावित होकर कई लोग उसके झांसे का शिकार हुए हैं।

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