
मेरठ। कोविड-19 के इलाज के लिए भर्ती होने वाले मरीजों को अपने पास मोबाइल फोन रखने से मना कर दिया गया है। तर्क दिया गया है कि इससे संक्रमण फैलता है। वैसे बता दें कि मेरठ के कोविड-19 वार्ड में फैली अव्यवस्था के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिस पर मेडिकल के साथ ही प्रदेश सरकार की भी बहुत किरकिरी हुई थी। इन्हीं वीडियो के कारण सरकार की कोविड-19 अस्पतालों में की जाने व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने भी निशाना साधा था। अब प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा के महानिदेशक डा. केके गुप्ता ने इस संबंध में कोविड-19 का इलाज करने वाले मेडिकल संस्थानों को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी है।
पत्र के अनुसार प्रदेश के कोविड समर्पित एल-2 तथा एल-3 चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि इससे संक्रमण फैलता है। उन्होंने कहा है कि चिकित्सालय में भर्ती कोविड-19 संक्रमित मरीजों को अपने परिजनों से बात कराने, शासन व अन्य किसी से बात कराने के लिए दो डेडीकेटेड मोबाइल फोन इनफेक्शन प्रीवेंशन कंट्रोल का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए कोविड केयर सेंटर के वार्ड इंचार्ज के पास रखना रखे जाएंगे। इन मोबाइल नंबरों की सूचना मरीज के परिजनों तथा महानिदेशक के कार्यालय पर उपलब्ध करानी होगी ताकि आवश्यकता पडऩे पर मरीजों से समय-समय पर बात करना संभव हो सके।
मरीजों के मोबाइल न रखने के आदेश को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है। विपक्ष ने इसको लेकर सरकार को निशाने पर लिया है। विपक्ष का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है, जिससे कोविड-19 वार्ड की कमियां उजागर न हो सके। इस बारे में मेडिकल कोविड-19 वार्ड के प्रभारी केजीएमयू के डा. वेद प्रकाश ने बताया कि अब मेडिकल वार्ड की सुविधा बिल्कुल दुरूस्त हो चुकी है। यहां पर किसी प्रकार की कोई अव्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि चिकित्सक सभी मरीजों को बेहतर तरीके से ध्यान रख रहे हैं। डा. वेद प्रकाश ने बताया कि मरीजों से भी फोन पर बात कर वार्ड की साफ-सफाई,दवाई और खाने के बारे में जानकारी ली जा रही है।
Published on:
24 May 2020 12:21 pm
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