
मेरठ। 'बाबा साहब को ऐसे सीमित न करें। वह अमानवीय, हर घटना के खिलाफ आवाज उठाने वाले महापुरुष थे। हर पीढ़ी, शोषित, कुचले, दबे, उनकी वह एक प्रखर आवाज थे। उनको भारत की सीमाओं में बांधना भी ठीक है। उनको ‘विश्व मानव’ के रूप में हमने देखना चाहिए। दुनिया जिस रूप से मार्टिन लूथर किंग को देखती है, हम बाबा अम्बेडकर साहब को उससे जरा भी कम नहीं देख सकते। अगर विश्व के दबे-कुचले लोगों की आवाज मार्टिन लूथर किंग बन सकते हैं, तो आज विश्व के दबे कुचले लोगों की आवाज बाबा साहब अम्बेडकर बन सकते हैं।' ये कहना था भीम आर्मी मेरठ के अध्यक्ष आनंद प्रकाश सिद्धार्थ का।
डा. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज हमें संविधान में जो कुछ मिला है, वह जाति विशेष के कारण नहीं मिला है। अन्याय की परंपराओं को नष्ट करने का एक उत्तम प्रयास के रूप में हुआ है। भीम आर्मी के वरिष्ठ कार्यकर्ता बाबी गौतम जेवरी ने कहा कि एक तरफ राजनैतिक बिखराव था, तो दूसरी तरफ सामाजिक बिखराव था। हमारे यहां ऊंच-नीच का भाव, जातिवाद का जहर, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, आदिवासी इन सबके प्रति उपेक्षा का भाव और सदियों से यह बीमारी हमारे बीच घर कर गई थी। कई महापुरूष आए उन्होंने सुधार के लिए प्रयास किया। बाबा साहब अम्बेडकर ने सामाजिक एकीकरण का बीड़ा उठाया, जो काम राजनीतिक एकीकरण का सरदार पटेल ने किया था, वह काम सामाजिक एकीकरण का बाबा साहब अम्बेडकर जी द्वारा हुआ। उन्होंने कहा कि हमको बाबा साहेब के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। भीम आर्मी बाबा साहेब के बताए सिद्धांतों पर ही चल रही है।
Published on:
06 Dec 2019 06:58 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
