scriptकैराना फतह के लिए भाजपा ने इस महिला सांसद को मैदान में उतारा, हो सकता है बड़ा फेरबदल | BJP gave big responsibilty to MP Kanta Kardam for Kairana byelection | Patrika News

कैराना फतह के लिए भाजपा ने इस महिला सांसद को मैदान में उतारा, हो सकता है बड़ा फेरबदल

locationमेरठPublished: Apr 13, 2018 06:57:48 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

कैराना लोकसभा उपचुनाव भाजपा सांसद हुकुम सिंह के फरवरी में दिवंगत हो जाने के कारण होना प्रस्तावित है।

Yogi-Modi BJP
मेरठ। सत्तारूढ़ दल भाजपा ने कैराना उपचुनाव फतह के लिए राजनैतिक तानाबाना बुन लिया है। दिवंगत भाजपा सांसद हुकुम सिंह की पुत्री मृगांका सिंह के पार्टी चुनाव चिन्ह पर लड़ने के संकेत मिलने के बाद उन्होंने भी तैयारी शुरू कर दी है।
यह भी पढ़ें

बड़ी खबर: लोकसभा चुनाव से पहले

अखिलेश यादव ने इस नेता को फिर सौंपी बड़ी जिम्मदारी

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने पश्चिमी उप्र में कैंप किया हुआ है। उसके अलावा भाजपा ने नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद कांता कर्दम को भी कैराना फतह के लिए मैदान में उतारा है। सांसद कांता कर्दम को गुरूवार को भाजपा सांसदों और पार्टी कार्यकर्ताओं के एक दिनी सांकेतिक उपवास और धरने के लिए शामली जिले की कमान सौंपी गई थी। भाजपा के इस पैंतरे को पश्चिमी यूपी में दलितों को भाजपा के खेमे में लाने की एक राजनैतिक चाल माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें

भाजपा सांसदों के उपवास को लेकर सपा के इस पूर्व मंत्री ने दिया बड़ा बयान, मची खलबली

मुस्लिम-दलित समीकरण जीत में निभाते हैं अहम रोल
कैराना में मुस्लिम और दलित समीकरण चुनावी जीत में अहम रोल निभाते है। पिछले चुनाव में भाजपा सांसद और दिवंगत नेता हुकुम सिंह ने कैराना में पलायन का मुद्दा छेड़कर चुनाव को गर्मा दिया था। जिस कारण चुनाव का ध्रुवीकरण हो गया था और हिन्दु-मुस्लिम दो खेमे में बंट गये थे। लेकिन इस उपचुनाव में परिस्थिति 2014 से बिल्कुल जुदा हैं।
यह भी पढ़ें

बड़ी खबर: दाऊद इब्राहिम ने इस बड़े मुस्लिम नेता की हत्या करने के लिए भेजे शूटर पुलिस ने पकड़े

उपचुनाव लड़ने वाले हुकुम सिंह नहीं उनकी बेटी मृगांका सिंह हैं और दलित वोट भाजपा से नाराज चल रहा है। चूंकि कांता कर्दम भाजपा की दलित कोटे से सांसद हैं। इसलिए भाजपा ने अपनी इस दलित महिला सांसद को कैराना में दलित वोटों को लुभाने के लिए चुनाव प्रचार और दलितों के बीच पैठ बनाने के उद्देश्य से उतारा है।
ये है वोटों का गणित
शामली जिले में आने वाली कैराना लोकसभा में तीन विधानसभाएं आती हैं। जिनमें शामली, कैराना और थाना भवन शामिल हैं। कैराना में शुरू से भाजपा, सपा और बसपा में कांटे की टक्कर रही है। भाजपा के हुकुम सिंह का यहां की राजनीति में अच्छा रसूख रहा है। जबकि सपा के दिवंगत सांसद और मुलायम सिंह के खास कहे जाने वाले मुनव्वर हसन भी कैराना की राजनीति में दखल रखते थे।
यही कारण था कि यहां का चुनाव पश्चिमी उप्र के लिए बड़ा दिलचस्पी वाला होता है। वर्तमान में दोनों धुरंधर नेता दिवंगत हो चुके हैं। मुनव्वर हसन की तरफ से राजनैतिक विरासत उनके पुत्र नाहिद हसन ने संभाली है। नाहिद इस समय बसपा पार्टी में हैं और हुकुम सिंह की राजनैतिक विरासत उनकी पुत्री मृगांका सिंह संभालने की तैयारी कर रही हैं।
Kanta kardam
जातिगत आंकड़ों की बात करें तो अकेले थाना भवन में ही करीब एक लाख मुस्लिम वोटर हैं। दूसरे नंबर पर करीब 75 हजार दलित वोटर हैं। इस सीट पर जाट वोटरों की संख्या 50 हजार और ठाकुर वोटों की संख्या 25 हजार है। भाजपा को हिन्दुओं के पलायन मुद्दे का लाभ मिलता है तो वोटों का ध्रुवीकरण होगा। वैसे इस बार गठबंधन के लिहाज से बसपा-सपा और कांग्रेस तीनों मिलकर अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। रालोद इन सबसे आगे निकल गई और उसने जयंत चौधरी को मैदान में उतार दिया है। जयंत ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है।
बोली सांसद
सांसद कांता कर्दम ने बताया कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उस जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ निभाऊंगी। उन्होंने कहा कि कैराना उपचुनाव की जीत के लिए पार्टी ने अपनी अलग रणनीति बनाई है। उसी रणनीति के तहत उन्हें कैराना भेजा गया है।

ट्रेंडिंग वीडियो