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भाजपा विधायक के घर पर हमले का मामला ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी में पुलिस, तस्वीर साफ करने में आ रहा ‘दबाव’

26 सितंबर की रात को ग्रेनेड आैर अंधाधुंध फायरिंग से हुआ था हमला, कर्इ जांच एजेंसियां लगार्इ गर्इ  

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meerut

भाजपा विधायक के घर पर हमले का मामला ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी में पुलिस, तस्वीर साफ करने में आ रहा 'दबाव'

मेरठ। भाजपा विधायक संगीत सोम के मेरठ कैंट स्थित घर पर ग्रेनेड आैर अंधाधुंध फायरिंग से 26 सितंबर की रात को हुए हमले की जांच के लिए पूरा अमला लगा हुआ था। एक-एक सुबूत जुटाने के लिए पुलिस आैर विभिन्न जांच एजेंसियों ने दिन-रात एक कर दिया। इसके बावजूद दस दिन बाद पुलिस खाली हाथ है। तकरीबन सारे सुबूत पुलिस के हाथ हैं, लेकिन हमले की तस्वीर आम जनता के सामने धुंधली ही है। पुलिस अफसर हमलावरों को पकड़े जाने तक कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन जांच जिस कदर ठंडे बस्ते में डाले जाने की तैयारी की तैयारी की जा रही है, इससे माना जा रहा है कि इस मामले को जल्द नहीं खोलने पर पुलिस पर दबाव है। वरना जिस मामले पर उसी दिन से जांच एजेंसियां काम कर रही हो, उसमें इतनी देरी सवालिया उंगली उठा रही है। क्योंकि यह साफ पहले ही किया जा चुका है कि हमले में एक सरकारी आैर आर्इ 20 गाड़ी का इस्तेमाल हुआ था। वह सरकारी गाड़ी किसकी थी, इसकी जांच चलते-चलते मामला ठंडे बस्ते की आेर मुड़ता दिख रहा है।

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ये जांच एजेंसियां काम कर रही

सरधना विधायक संगीत सोम के घर पर हमले के बाद पुलिस के साथ-साथ एटीएस, एसटीएफ, क्राइम ब्रांच, सीआरपीएफ, एलआर्इयू समेत सभी तरह की जांच चल रही है। एटीएस ने तभी साफ कर दिया था कि यह आतंकी हमला नहीं है। अधिकतर जांच हो चुकी है। पुलिस, एसटीएफ आैर सीआरपीएफ की जांच चल रही है। सीसीटीएफ फुटेज, सीडीआर, घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों व अन्य लोगों से पूछताछ हो चुकी है। हमले तीन दिन बाद ही निष्क्रय ग्रेनेड की कैप कोठी की एक गाड़ी के उपर पड़ी हुर्इ मिली थी। इसके अलावा आसपास की सीसीटीवी फुटेज व सीडीआर को भी पुलिस व जांच एजेंसियों ने खंगाला है। हमले में एक सरकारी गाड़ी व सफेद रंग की आर्इ 20 के होने के पक्के सुबूत की बात पुलिस कह रही है। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि हमलावर गैर जनपद के थे। इसके बावजूद जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। हालांकि एसएसपी अखिलेश कुमार का कहना है कि हमलावरों के पकड़े जाने तक इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। लेकिन अगर सारे सुबूत मौजूद हैं तो हमलावर पकड़े क्यों नहीं जा रहे, यह अहम सवाल है।