
मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांच करते चिकित्सक
कोविड-19 संक्रमण होने का खतरा मनुष्य के ब्लड ग्रुप से जुड़ा है। ये निष्कर्ष दुनिया की कई इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी लैब में जांच के बाद सामने आया है। मेरठ मेडिकल कालेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में भी जांच के बाद ये निष्कर्ष सामने आया है।
ब्लड ग्रुप और कोविड से होने वाली मृत्यु के बीच संबंध
हालांकि ब्लड ग्रुप और कोविड से होने वाली मृत्यु के बीच कोई संबंध नहीं है। इस जांच के मुताबिक जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A, B और RH है, उन्हें कोविड-19 होने का खतरा सबसे अधिक है। वहीं जिनका ब्लड ग्रुप O, AB और RH- है, उन्हें कोविड संक्रमण होने का खतरा सबसे कम है।
B ब्लड ग्रुप को कॉेविड होने का सबसे ज्यादा खतरा
मेरठ में नोडल अधिकारी रहे और केजीएमयू के डा.वेद प्रकाश का कहना है कि 2020 में लगभग 2586 मरीजों में से 41% पॉजिटिव मरीज B ब्लड ग्रुप के थे और इस ब्लड ग्रुप को कॉेविड होने का सबसे ज्यादा खतरा है। इन मरीजों में से 29% A ब्लड ग्रुप वाले थे। और सबसे कम पॉजिटिव ‘O’ ब्लड ग्रुप पाया गया। जिसके केस केवल 21% ही थे। AB ब्लड ग्रुप के केवल 7.98% केस पाए गए।
RH फैक्टर ग्रुप के पॉजिटिव केस
इसके अलावा RH फैक्टर ग्रुप के बहुत अधिक पॉजिटिव केस मिल रहे थे। इस फैक्टर के नेगेटिव ग्रुप के केवल 2% केस आए थे। अगर सबसे कम खतरे वाले ब्लड ग्रुप की बात करें तो वह है AB ग्रुप। इसमें एक और बात सामने आई कि B ब्लड ग्रुप में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को अधिक कोविड होने का खतरा पाया गया है। इस ग्रुप में 60 साल से ऊपर के पुरुषों को अधिक कोविड देखने को मिला।
ठीक होने में काफी कम समय
ब्लड ग्रुप A or RH के जो लोग पॉजिटिव पाए गए थे, वह ठीक होने में काफी कम समय ले रहे थे। वहीं अगर सबसे अधिक ठीक होने का समय लेने की बात करें तो ऐसा ‘O’ और RH नेगेटिव ब्लड ग्रुप में पाया गया था। निष्कर्ष में यह बात सामने निकलकर आई कि कोविड होने का खतरा ब्लड ग्रुप पर निर्भर करता है।
Published on:
05 Jan 2023 09:53 am
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