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Muskan Saurabh DNA Test: मेरठ के चर्चित नीले ड्रम मर्डर केस में आरोपी मुस्कान ने 24 नवंबर को एक बेटी को जन्म दिया। डॉक्टरों ने डिलीवरी की तारीख 28 नवंबर बताई थी, लेकिन उससे चार दिन पहले ही प्रसव हुआ। 26 नवंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज होते ही मुस्कान सीधे जिला जेल लाई गई, जहां जेल के डॉक्टरों की टीम ने उसका और बच्ची का पूरा हेल्थ चेकअप किया। उसके बाद दोनों को महिला बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि मुस्कान बच्ची को गोद में लेकर खिलाती रही, पर उसकी नजरें किसी अपने को तलाशती रहीं।
मेडिकल अस्पताल से लगभग 6 किलोमीटर दूर ब्रह्मपुरी स्थित सौरभ के घर में खामोशी पसरी रही। न कोई रिश्तेदार आया, न आसपास का कोई पड़ोसी। घर के अंदर केवल सौरभ के बड़े भाई राहुल उर्फ बबलू और मां रेनू मौजूद थीं। मुस्कान की पहली बेटी पीहू अपने नाना-नानी के पास है और सौरभ का परिवार उससे लंबे समय से नहीं मिल पाया है।
सौरभ के भाई राहुल ने मुस्कान पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि मुस्कान ने जानबूझकर 24 नवंबर को डिलीवरी कराई ताकि यदि बेटा पैदा होता, तो वह लोगों की सहानुभूति पाने के लिए कहानी गढ़ देती- “देखो, सौरभ वापस आ गया।” राहुल ने कहा कि वह इस बच्ची को केवल तभी स्वीकारेंगे जब DNA टेस्ट में साबित हो कि यह सौरभ की ही है। उनका दावा है कि मुस्कान बेहद चालाक है और जेल में भी उस बच्ची को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए उन्होंने प्रशासन से बच्ची की सुरक्षा और DNA जांच की मांग दोहराई है।
राहुल ने कहा कि मुस्कान की बड़ी बेटी पीहू को वे अपने पास रखना चाहते हैं, लेकिन नाना-नानी उसे सौंपने को तैयार नहीं। उनका दावा है कि पीहू स्कूल भी ठीक से नहीं जा रही और उसकी देखभाल भी ठीक से नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा, “सौरभ चाहता था कि पीहू को लंदन में पढ़ाए, लेकिन आज वह सरकारी स्कूल में भी नहीं पहुंच पा रही।”
सौरभ की मां रेनू राजपूत ने भी मुस्कान की डिलीवरी को बड़ी साजिश बताया। उन्होंने कहा कि 28 नवंबर की जगह 24 नवंबर को प्रसव कराना मुस्कान का खेल था, लेकिन भगवान ने उसकी योजना नाकाम कर दी। रेनू बोलीं- “पहले DNA टेस्ट होगा, तभी हम इस बच्ची के बारे में कोई फैसला करेंगे। अगर ये सौरभ की नहीं है तो हम उसका चेहरा भी नहीं देखेंगे।”
वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा के अनुसार, मुस्कान 19 मार्च 2025 से जेल में बंद है और गर्भवती थी। डिलीवरी के बाद उसे बताया गया कि बच्ची 6 साल तक उसके साथ जेल में रह सकती है। मुस्कान के परिजन न तो अस्पताल आए, न ही जेल में उससे संपर्क किया। इसलिए बच्ची के कपड़े, दवाइयाँ और सभी ज़रूरी सामान जेल प्रशासन ही उपलब्ध करा रहा है। जेल अधीक्षक के मुताबिक जेल में बच्चों के लिए क्रेच, आंगनबाड़ी रजिस्ट्रेशन, टीकाकरण और बेसिक शिक्षा की सुविधा है।
जेल प्रशासन ने बताया कि साहिल, जिसका नाम इस हत्याकांड में भी जुड़ा है, पहले से ही वॉर्डन से बोला हुआ था कि मुस्कान की हालत के बारे में उसे बताया जाए। अस्पताल से खबर आने पर उसे जानकारी दे दी गई। जेल में उसका व्यवहार सामान्य बताया गया है।
Published on:
26 Nov 2025 02:11 pm
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