
मेरठ. सत्ता की धमक किस तरह सिर चढ़कर बोलती है, यह मेरठ के परतापुर कतार्इ मिल मतगणना स्थल पर देखने को मिली। भाजपा से मेयर पद की उम्मीदवार कांता कर्दम की हार के बाद भाजपार्इ उदासी और बौखलाहट में थे, तो जिला प्रशासन और पुलिस अफसर भी खासे परेशान दिखे। उन्होंने बसपा की खुशी के हर आलम को झल्लाहट और देरी करने में कोर्इ कसर नहीं छोड़ी। पहले मेयर पद की मतगणना के दौरान हर चक्र के परिणाम की घोषणा देरी से की, तो जीत की ऑफिशियल घोषणा के लिए उन्होंने सारे आंकड़े ऑनलाइन करने के बाद की। शाम के चार बजे तक ऑनलाइन करीब 500 बूथों के परिणाम हो पाए थे, लेकिन इसके बाद दोबारा स्टाफ लगाकर इन बूथों के आनलाइन परिणाम जोड़ने के बाद ऑफिशियल घोषणा जारी की। तब तक यहां अंधेरा हो चुका था और मतगणना स्थल परिसर के अंदर और बाहर हजारों बसपा कार्यकर्ता-समर्थक जुट चुके थे। प्रशासनिक अफसरों की देरी पर देरी से बसपाइयों में सुनीता वर्मा को प्रमाण-पत्र नहीं देने का गुस्सा बढ़ता जा रहा था। इस बीच अंधेरा हो होने के बाद ही सुनीता वर्मा को प्रमाण-पत्र दिया गया। इतना ही नहीं, मतगणना के दौरान जब बसपा की जीत की सुगंध आने लगी थी, तो यहां तैनात पुलिस अफसर और पुलिसकर्मी भी बसपा कार्यकर्ताओं को धकियाते नजर आए, जबकि भाजपा कार्यकर्ताओं को रोका-टोका नहीं गया।
मतगणना के शुरू में सबकुछ ठीक चला। जहां आरओ और एआरो के पास मतगणना के रिजल्ट आ रहे थे, उस पंडाल में जनप्रतिनिधियों के बैठने का भी स्थान था। मतगणना जब शुरू हुर्इ, तो यहां विभिन्न दलों के उम्मीदवारों के साथ अन्य लोगों को बैठने दिया गया, लेकिन जब हर चक्र की मतगणना में बसपा ने भाजपा को पीछे छोड़ना शुरू किया तो इस पंडाल की सूरत बदलती चली गर्इ। भाजपा उम्मीदवार कांता कर्दम पंडाल में आरओ और एआरओ के साथ बैठ गर्इ तो बसपा के योगेश वर्मा भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठ गए। इस पंडाल में दो तरह से परिणाम आ रहे थे। ऑफिशियल तौर पर जो आंकड़े आरओ के पास आ रहे थे, वे बहुत देरी से आ रहे थे, जबकि भाजपा व बसपा के पास वार्ड व बूथ वाइज जो परिणाम आ रहे थे, वे पंडाल में खलबली मचा रही थी। चक्र परिणाम का यह अंतर करीब सात च्रक का था। परिणाम लेने के लिए यहां मीडियाकर्मी भी पहुंच गए थे। एसएसपी मंजिल सैनी समेत कर्इ अफसरों ने उम्मीदवार और उनकी पार्टी कार्यकर्ताओं को छोड़कर सबको बल के साथ बाहर भेज दिया।
परिणाम में देरी
बूथवाइज परिणाम का हिसाब मिलने के बाद बसपाइयों ने तो जश्न मनाना शुरू कर दिया था। वहीं, भाजपा उम्मीदवार ने भी खुद को हारा बता दिया, लेकिन प्रशासन ऑफिशियल परिणाम घोषित नहीं कर रहा था। डीएम, एसएसपी, सीडीओ और कर्इ आरओ बाद में इस पंडाल में बैठ गए और डाटा को मिलान के बाद फाइनल करवाने लगे। बाद में जब ऑफिशियल घोषणा की गर्इ तो यहां अंधेरा हो गया और मेयर सुनीता वर्मा को प्रमाण-पत्र दिया गया।
Published on:
02 Dec 2017 06:26 pm
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