29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मायावती के खास रहे बसपा के इस पूर्व सांसद को मिल सकती है कांग्रेस में जगह, बदल जाएंगे समीकरण

हाथी से उतरकर हाथ का दामन थामने को बेचैन पूर्व सांसद

2 min read
Google source verification
meerut

मायावती के खास रहे बसपा के इस पूर्व सांसद को मिल सकती है कांग्रेस में जगह, बदल जाएंगे समीकरण

मेरठ। मेरठ से बसपा सांसद रहे शाहिद अखलाक बसपा से बगावत कर हाथ का दामन थाम सकते हैं। शाहिद अखलाक और हाजी याकूब कुरैशी की राजनैतिक अदावत जग जाहिर है। बसपा ने हाजी याकूब कुरैशी को मेरठ से प्रभारी बनाया है। महागठबंधन होने के कारण सपा अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतार रही। सीट महागठबंधन ने बसपा के खाते में दी है। बसपा से हाजी शाहिद भी चुनाव लड़ना चाहते थे। वे भी मायावती से मिलकर आए थे, लेकिन मायावती ने शाहिद अखलाक को टिकट के लिए मना कर दिया था। लिहाजा शाहिद अब दूसरा ठिकाना तलाश रहे हैं।

यह भी पढ़ेंः प्रियंका की भीम आर्मी प्रमुख से मुलाकात के बाद बसपाइयों में बढ़ी बेचैनी, मायावती ले सकती हैं बड़ा फैसला, देखें वीडियो

महागठबंधन में जब उन्हें राजनीतिक पनाह नहीं मिली तो वे कांग्रेस के दर पर पहुंच गए। चर्चा है कि पूर्व सांसद शाहिद अखलाक कांग्रेस के वेस्ट यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मिलने गए थे। 'पत्रिका' ने जब शाहिद अखलाक से बात की तो उनका कहना था कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। किस पार्टी से लड़ेंगे, यह अभी बता नहीं सकते। बता दें कि हाजी याकूब कुरैशी को बसपा से लोकसभा प्रभारी बनाए जाने के बाद पूर्व सांसद शाहिद अखलाक ने मोर्चा खोल दिया है। हाजी याकूब के टिकट फाइनल होते ही शाहिद अखलाक विरोध में उतर गए हैं। ज्योतिरादित्य सिघिया से मुलाकात के बाद सांसद हाजी शाहिद अखलाक कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। अगर कांग्रेस हाजी शाहिद अखलाक को चुनाव लड़वाती है तो मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट का चुनाव काफी रोचक होगा।

यह भी पढ़ेंः मेरठ बवालः भूसा मंडी की आग बुझने के बाद सियासी गर्माहट, एक-दूसरे पर लगाए ये आरोप, देखें वीडियो

ज्योतिरादित्य सिंघिया से पूर्व सांसद की सियासी मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर हैं कि शाहिद अखलाक मेरठ-हापुड़ लोकसभा चुनाव में उतर सकते हैं। शाहिद अखलाक ने 'पत्रिका' को बताया कि वे और ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा सदन में रहे हैं। वह मेरे मित्र हैं और इसी नाते मैंने बीती रात उनसे मुलाकात की थी। जाहिर सी बात है कि इस मुलाकात में वेस्ट यूपी के समीकरण को लेकर भी चर्चा हुई। शाहिद अगर कांग्रेस में शामिल हुए तो पश्चिम उप्र की मुस्लिम राजनीति करवट ले सकती है।