
बसपा में टिकट को लेकर घमासान, कभी मायावती के खास रहे पूर्व सांसद टिकट पाने के लिए ले सकते हैं बड़ा फैसला
मेरठ। लोक सभा चुनाव के नजदीक आते ही सरगर्मियां तेज हो गर्इ हैं। इसमें सभी पार्टियों में उम्मीदवारी को लेकर कशमकश जारी है। भाजपा, बसपा आैर कांग्रेस ने जहां अभी पत्ते नहीं खोले हैं, वहीं उम्मीदवारी को लेकर बसपा में सबसे ज्यादा उथल-पुथल मची हुर्इ है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन पर मेरठ-हापुड़ लोक सभा क्षेत्र के प्रभारी पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी बनाए गए हैं। इससे यह तय हो गया है कि इस सीट पर याकूब की उम्मीदवारी पक्की हो गर्इ है। इससे मायावती के तमाम करीबी पार्टी नेताआें को झटका लगा है। सबसे बड़ा झटका मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर बसपा से लगातार तीन बार उम्मीदवार रहे पूर्व सांसद शाहिद अखलाक को लगा है। बसपा सुप्रीमो के कभी बेहद खास माने जाने वाले शाहिद को पिछले साल निष्कासित कर दिया था। माना जा रहा है कि वह पार्टी में वापसी चाहते हैं, क्योंकि उनके समर्थक चुनाव लड़ने का उन पर दबाव बना रहे हैं। इसलिए वह अब बसपा से कैसे चुनाव लड़ेंगे, देखने वाली बात होगी। हालांकि पूर्व सांसद शाहिद अखलाक का कहना है कि वह जल्दी ही समर्थकों के साथ बैठक करके स्थिति स्पष्ट करेंगे आैर आगामी रणनीति तय करेंगे। हालांकि यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व सांसद अन्य पार्टियों के सम्पर्क में हैं।
शाहिद अखलाक की मजबूत पकड़
मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट पर अगर हाजी याकूब कुरैशी की मुस्लिमों में अच्छी पकड़ मानी जाती है तो पूर्व बसपा सांसद की भी बेहद अच्छी पकड़ बतायी जाती है। शाहिद अखलाक मेरठ के महापौर रहने के साथ-साथ 2004 में मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट से सांसद भी रहे। बसपा ने उन्हें 2009 आैर 2014 में उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था। दोनों चुनावों में वह भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र अग्रवाल के बाद दूसरे स्थान पर रहे थे। पिछले साल पार्टी गुटबाजी का ही नतीजा रहा कि शाहिद को बसपा सुप्रीमो ने निष्कासित कर दिया। अब वह किसी पार्टी में नहीं है। सूत्रों की मानें तो वह अब भी बसपा में आने के लिए वरिष्ठ नेताआें के सम्पर्क में हैं। बताया जा रहा है कि उनके समर्थक उन्हें लोक सभा चुनाव 2019 में चुनाव लड़ने का दबाव डाल रहे हैं, जिसके चलते उन्होंने पार्टी नेताआें से सम्पर्क तेज कर दिया है। एक समय मायावती के खास रहे शाहिद अखलाक की पार्टी में वापसी होती है तो मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट में समीकरण बदल सकते हैं, हालांकि अभी इस बारे में शाहिद ने पत्ते नहीं खोले कि यदि बसपा में वापसी नहीं होती है तो वह किसी पार्टी की आेर रुख करेंगे।
Published on:
23 Jan 2019 12:27 pm
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