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मेरठ में बसपा नेता की गोलियों से भूनकर हत्‍या, कंकरखेड़ा में तनाव

कंकरखेड़ा के शोभापुर गांव में युवकों ने की वारदात, मामले में हथियार समेत दो मुख्‍य आरोपी गिरफ्तार

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मेरठ

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sharad asthana

Apr 05, 2018

kankarkheda

मेरठ। जनपद में दलित संगठनों के हिंसात्‍मक आंदोलन के बाद बुधवार शाम को कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में बसपा नेता की गोलियाें से भूनकर हत्‍या कर दी गई। मामला पुरानी रंजिश से जोड़कर देखा जा रहा है। घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया। इसके देखते हुए गांव में पुलिस बल काे तैनात कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में गुरुवार सुबह दो मुख्‍य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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कंकरखेड़ा में हुई वारदात

बुधवार शाम को मेरठ के थाना कंकरखेड़ा क्षेत्र के शोभापुर में कुछ युवकों ने प्रॉपटी डीलर व बसपा नेता पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। बताया जा रहा है कि पुरानी रंजिश को लेकर आपस में इन दोनों ही पक्षों में तनातनी चल रही थी। आरोप है कि मनोज गुर्जर नाम के शख्स ने बसपा नेता गोपी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिसके चलते गोपी भागते हुए एक टंकी के पीछे जा गिरा। इसके बाद गांव में हड़कंप मच गया। गोपी को एक के बाद एक तीन गोलियां मारी गईं, जिसके बाद गांव में कोहराम मच गया।

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अस्‍पताल में हुई मौत

आनन-फानन में गोपी को सुभारती अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां बाद में उसकी मौत हो गई। वहीं बवाल की आंच में झुलस रहे शोभापुर इलाके में भारी पुलिस फोर्स और आरएएफ तैनात कर दिया गया है। इसके बाद आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। वहां दलित समुदाय के लोगों ने उनका घेराव कर दिया।

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प्रॉपर्टी डीलिंग का करते थे काम

जानकारी के मुताबिक, शोभापुर गांव निवासी 30 वर्षीय गोपी पारिया प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे। वह बसपा से भी जुड़े हुए थे। गोपी की बहन के मुताबिक, उसी गांव के रहने वाले मनोज गुर्जर ने फोन कर उसको मंदिर के पास बुलाया था। वहां मनोज ने अपने साथि‍यों के साथ मिलकर गोपी और उसके दो दोस्‍तों के साथ मारपीट की। इसके बाद मनाेज ने गोलियां बरसाकर गोपी की हत्‍या कर दी। आपको बता दें कि मनोज गुर्जर और गोपी के बीच पहले से ही आपसी रंजिश चल रही थी। इसके चलते कई बार पहले भी झगड़ा हो चुका है।

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हिंसा से नहीं है कोई लेनादेना

इस मामले में एसएसपी मंजिल सैनी का कहना है कि‍चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। दो साल पहले रंग लगाने को लेकर दोनों का विवाद हुआ था। इसमें मुकदमे भी लिखे गए थे लेकिन बाद में समझौता हो गया था। 2 अप्रैल को हुई हिंसा में नाम होने के सवाल होने पर उन्‍होंने कहा कि गोपी पर ऐसा कोई आरोप नहीं था। उसका हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं, पुलिस ने गुरुवार सुबह मामले में मुख्यारोपियों मनोज और कपिल गुर्जर को हथियार समेत गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी मंजिल सैनी के निर्देशन में एएसपी कैंट सतपाल की टीम ने आरोपी गिरफ्तार किए।