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नवरात्र में फूल कारोबारियों के मुरझाए चेहरे, बंपर फसल और मांग कम से दाम हुए धड़ाम

locationमेरठPublished: Oct 09, 2021 11:51:24 am

Submitted by:

Nitish Pandey

इस बार फूलों के फसल की अधिकता कहे या फिर कोविड के कारण भक्तों द्वारा माला-फूल न खरीदना। कारण जो भी हो, इस नवरात्र में फूलों का कारोबार करने वालों के चेहरे मुरझाएं हुए हैं।

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मेरठ. पहले कोरोना संक्रमण ने फूलों की खेती करने वाले किसानों को लाखों का झटका दिया था। इस बार उम्मीद थी कि फसल अच्छी होने से उसके दाम बढ़िया मिलेंगे। लेकिन सीजन के पहले ही दौर, नवरात्र में फूलों के दाम धड़ाम हो गए हैं। हालात ये हैं कि ग्राहकों का इंतजार फूल और माला बेचने वाले कर रहे हैं लेकिन देवी के भक्तों ने इस बार भी माला और फूल से दूरी बना रखी है।
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नवरात्र में अन्य चीजों के बढ़े दाम तो फूलों के घटे

नवरात्र में इन दिनों जबकि फल से लेकर फलाहार और पूजा के समान तक में बढ़ोत्तरी हो चुकी है तो वहीं दूसरी ओर फूलों और मालाओं के दामों में कमी आई है। जो माला नवरात्र से पहले 20 रुपये की बिक रही थी वह माला आज नवरात्र में 15 रुपये की हो गई है। कुछ ऐसा ही हाल गुलाब के फूलों का है। गुलाब की एक माला की कीमत नवरात्र के दिनों में 100 से 150 रुपये तक पहुंच जाती थी। लेकिन इस बार गुलाब की माला 80-90 रुपये तक मिल रही है।
बोले कारोबारी, इस बार हुई बंपर फसल तो दाम हुए धड़ाम

वहीं फूल कारोबारियों का कहना है कि इस बार फूलों की फसल काफी बंपर हुई है। जिसके चलते फूलों के दाम धड़ाम हो गए हैं। वहीं इस समय शादियों का और अन्य कोई बड़ा पर्व भी नहीं है। जिसके कारण फूलों की मांग में कमी आई है। मांग में कमी के कारण दाम भी गिर रहे हैं। जिससे फूल-माला बेचने वालों को काफी हानि हो रही है।
कोविड के कारण भी मंदिरों में नहीं चढ़ाया जा रहा प्रसाद

मेरठ के मंदिर नवरात्र में खुल तो गए हैं। लेकिन कोविड प्रोटोकाल का पालन पूरी तरह से किया जा रहा है। कोविड के कारण मंदिरों में प्रसाद और फूल-मालाएं देवी केा नहीं चढ़ाई जा रही है। जिसके कारण श्रद्धालुगण फूल-माला खरीदने में परहेज कर रहे हैं।
गेंदा 120 रुपये और गुलाब मिल रहा 200 रुपये प्रति किग्रा

इस समय गेंदा 120 रुपये प्रति किग्रा और गुलाब का फूल 200 रुपये प्रति किग्रा बिक रहा है। मेरठ में फूलों की खेती काफी बंपर मात्रा में होती है। जिले के करीब 800 किसान फूलों की खेती करते हैं। जो कि सीधे मेरठ की मंडी में या फिर दिल्ली की मंडी में अपनी फसल बेंचते हैं। पिछले साल कोरोना संक्रमण काल के चलते फूलों की पूरी फसल चौपट हो गई थी। लॉकडाउन के चलते किसानों ने फूलों की खेती पर टैक्टर चला दिया था। इस बार किसानों को उम्मीद थी कि फसल से अच्छी आमदनी हो सकती है। इस बार फसल पिछले साल से बेहतर हुई लेकिन दाम नहीं मिलने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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