
पित्र पक्ष एकादशी श्राद्ध में पितरों को पिंड दान करने से मिलेगा बैकुंठ धाम
Pitru Paksha Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत बड़ा महत्व है। एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का विधि विधान है। वहीं श्राद्ध पक्ष के दौरान पड़ने वाली एकादशी को पित्र पक्ष एकादशी श्राद्ध (Pitru Paksha Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। इस दिन अपने पूर्वजों को विधि विधान के अनुसार तर्पण देते हैं। जिससे उनकी आत्मा को मुक्ति मिलती है और वो बैकुंठ धाम को प्राप्त होते हैं। इस साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आज 9 अक्टूबर सोमवार को है। कहा जाता है अगर इस दिन जो लोग अपने पितरों का तर्पण करते हैं तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पित्र पक्ष एकादशी श्राद्ध का महत्व
पंडित बोल मोहन शाडिल्य के अनुसार सनातन धर्म में पित्र पक्ष एकादशी श्राद्ध का बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बताया गया है। ये दिन पूर्वजों को समर्पित है। मान्यता है कि इन विशेष दिन पितर पृथ्वी पर आते हैं। इसी के साथ इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। यही कारण है कि लोग पालनहार से अपने पूवर्ज की मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। जो लोग इस पवित्र दिन अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए विधि विधान से प्रार्थना करते हैं और उनके लिए पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं और भगवान विष्णु उन्हें आशीर्वाद देते हैं।
इसी के साथ उन्हें अपने निवास 'बैकुंठ धाम' में स्थान देते हैं। यहां तक कि जो लोग अपने पिछले बुरे कर्मों से पीड़ित हैं। मृत्यु के देवता यमराज से यमलोक में दंडित हो रहे हैं। उनके पूर्वज इस एकादशी श्राद्ध को करने से उस पीड़ा से मुक्त हो जाते हैं।
तिथि और समय
पित्र पक्ष एकादशी तिथि आज 9 अक्टूबर, 2023 को दोपहर 12.36 मिनट से कल 10 अक्टूबर 2023 को 03.08 बजे तक रहेगी।
एकादशी श्राद्ध क्यों हैं महत्वपूर्ण
पंडित बोल मोहन शाडिल्य के अनुसार एकादशी श्राद्ध का महत्व हर कोई जानता है। इस दिन का महत्व इसलिए और अधिक हो जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु को समर्पित दिन है। माना जाता है कि जो लोग पितृ दोष पूजा, पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं, उनके पूर्वजों को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और भगवान विष्णु उन्हें अपने यहां स्थान देते हैं।
Published on:
09 Oct 2023 09:07 am
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