
इस विश्वविद्यालय के छात्राें का रिजल्ट आ गया अर्श से फर्श पर, इसकी बड़ी वजह अब आ रही सामने
मेरठ। भाजपा सरकार की नकल पर सख्ती का असर मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के छात्रों पर भी पड़ा है। जिसका असर जानकर आप हैरान रह जाएंगे। यूपी बोर्ड की परीक्षाआें में नकल पर शिकंजा कसा गया तो माना जा रहा था कि इसका असर रिजल्ट प्रतिशत पर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूपी बोर्ड का रिजल्ट प्रतिशत शानदार ही नहीं रहा बल्कि उसने नकल में सख्ती के बाद भी रिकार्ड तोड़ दिया, लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के छात्रों का रिजल्ट तो अर्श से फर्श पर आग गिरा।
नकल रुकने से गिरा विश्वविद्यालय का रिजल्ट
इस विश्वविद्यालय में 70 प्रतिशत से अधिक बच्चे बीएससी में फेल हो गए और 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे बीए में। यही हाल बीकाम का भी रहा जिसमें 50 प्रतिशत छात्र फेल हो गए हैं। खुद विश्वविद्यालय के शिक्षक भी हैरान हैं। यूजीसी ने विश्वविद्यालय पर सख्ती की तो विश्वविद्यालय ने अपने से संबद्ध सभी कालेजों में सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए थे। विवि की सभी परीक्षाएं कैमरे की निगरानी में ही हो पाई थी। ऐसे कालेज जिन्होंने कैमरे की व्यवस्था नहीं की थी, उनको सेंटर नहीं बनाया गया था। बीकॉम में भी आधे छात्र पास ही नहीं हो पाए। छात्रों की कापियों को जांचने वाले विवि और कालेज शिक्षकों का कहना है कि छात्रों द्वारा हल किए गए प्रश्नपत्र बहुत ही खराब स्थिति में थे। उन्होंने काफी प्रयास किया कि अच्छा नंबर दे सके, लेकिन छात्रों की कापियों में ऐसा कुछ था ही नहीं जिससे उनको बढ़िया नंबर प्रदान किए जा सकते। विवि ने सत्र 2017-18 में संस्थागत विषयों के सभी परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए। विवि की परीक्षा में प्रथम वर्ष के छात्र खरे नहीं उतर सके। विश्वविद्यालय के अनुसार प्रथम वर्ष की कक्षाओं में बीएससी में 72.19, बीकॉम में 49.07 और बीए में 66.39 फीसदी छात्र फेल हो गए हैं। बीएससी में मात्र 27.81 फीसदी, बीकॉम में 49.07 फीसदी और बीए में 33.61 फीसदी छात्र ही पास हुए हैं।
हुई सख्ती तो गिर गया रिजल्ट
इस बार बोर्ड से लेकर प्रदेश की विश्वविद्यालय परीक्षाओं में व्यापक सख्ती दिखाई दी। परीक्षाएं सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हुई। जिस कारण विवि का रिजल्ट प्रतिशत गिर गया। कुलपति प्रो.एनके तनेजा ने बताया कि इस बाद उन्होंने परीक्षा के दौरान सचल दस्तों की संख्या में बढ़ोतरी की थी। सीसीटीवी की मानिटरिंग अलग से हो रही थी। विवि से संबंधित सभी नौ जिलों के लिए नौ विशेष दस्ते परीक्षा के दौरान अलग छापेमारी कर रहे थे।
Published on:
30 Jun 2018 12:16 pm
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