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बाल गृह के इन बच्चों के लिए कमिश्नर ने किया एेसा काम कि हर जगह हो रही है प्रशंसा

इन बच्चों की हर तरह से मदद करेगा जिला प्रशासन

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बाल गृह के इन बच्चों के लिए कमिश्नर ने किया एेसा काम कि हर जगह हो रही है प्रशंसा

मेरठ। कौन कहता है कि जहां में अकेला रहने वाले का कोई नही होता। ऐसे लोगों के लिए भी कुछ लोग सहारा बनकर उनके पास चले आते हैं। ऐसे ही मेरठ की आयुक्त अनिता सी मेश्राम ने किया। जब वह बाल गृह पहुंची और उन्होंने 12 ऐसे बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा करने की पहल करते हुए उन्हें मेरठ के पब्लिक स्कूल में एडमिशन दिलाकर स्कूल भेजने की पहल की।

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बच्चों का पब्लिक स्कूलों में दिलाया दाखिला

आयुक्त अनीता सी मेश्राम ने राजकीय बाल गृह, बालक सूरजकुंड का दौरा कर वहां रह रहे 12 बच्चों की निःशुल्क व्यवस्था शहर के पब्लिक स्कूलों में की। बालगृह के ये बच्चों में से छह बच्चे केएल इन्टरनेशनल व छह बच्चे बीडीएस इन्टरनेशनल स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर अपने भविष्य को गढ़ने का काम करेंगे। इस मौके पर आयुक्त ने कहा कि शिक्षा पर सभी का अधिकार है व सभी को शिक्षा मिलनी चाहिये। बाल गृह के बच्चों के पढ़ाने के लिए जिला प्रोबेशन अधिकारी व स्कूल मालिकों व प्रबन्धकों के बीच आयुक्त की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षर किया गया।

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कमिश्नर ने सभी से यह की अपील

राजकीय बाल गृृह, बालक सूरजकुण्ड में रह रहे इन 12 बच्चाें के माता-पिता को तलाशा नहीं जा सका। जिस कारण ये यहां पर रहने को मजबूर थे। इसलिए आयुक्त ने इन बच्चों की निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की। आयुक्त ने कहा कि शिक्षा व स्वास्थ्य का जीवन में अहम योगदान है। बच्चे देश का भविष्य हैं, इसलिए भावी पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिये इनकी शिक्षा व स्वास्थ्य पर जोर देने की आवश्यकता है। उन्होंने समाज के लोगों से गरीब व असहायों की सहायता करने की अपील की। उन्होंने कहा कि गरीब व असहायों की सेवा करना भगवान की सेवा के समान है।

शिक्षा से जुड़ी जरूरतों में करेंगी मदद

जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में राजकीय बाल गृह, बालक सूरजकुण्ड में कुल 26 बच्चे आवासित हैं जिनकी आयु 10 से 18 वर्ष तक है। उन्होंने बताया कि आयुक्त द्वारा स्वयं पहल कर बाल गृृह में निवासित ऐसे बच्चे जिनके मां बाप को ढूंढा नहीं जा पाया है। उन्होंने बताया कि इन 12 बच्चों के लिये स्कूल द्वारा यूनिफार्म, किताबें, जूते-मौजे आदि की एक किट बनाकर निःशुल्क उपलब्ध करायी गयी। उन्होंने बताया कि इन बच्चों के लिये स्कूल से लाने व ले जाने के लिये स्कूल वैन प्रबन्धन द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। उन्होंने बताया कि अध्यापकों को लगाकर इनको ब्रिच कोर्स कराया जायेगा ताकि ये बच्चे किसी से पीछे न रहे।

राजकीय बाल गृह में मिलेगी बच्चों को यह सुविधा

जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि राजकीय बाल गृह, बालक सूरजकुण्ड में निवासित बच्चों के लिये सप्ताह में एक बार डाक्टरी परीक्षण, निःशुल्क भोजन, खेल-कूद गतिविधियों जिसमें झूला, बैडमिन्टन, शतरंज, लूडो व टीवी आदि की व्यवस्था है तथा अध्यापकों की व्यवस्था भी बाल सम्प्रेषण गृह में करायी जा रही है। इस अवसर पर प्रभारी अधीक्षक तेज प्रताप, केएल इन्टरनेशनल के प्रतिनिधि, बीडीएस के प्रधानाचार्य, बाल कल्याण समिति के सदस्य आदि मौजूद रहे।