
Congress News: 2024 : लोकसभा चुनाव में सत्ता की सीढ़िया यूपी से गुजरेंगी, ऐसे में सभी दलों ने यूपी जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। यूपी में तीन दशक पुराना जनाधार पाने के लिए कांग्रेस पश्चिम उप्र को सियासी लैब मानकर बड़े प्रयोग की तैयारी में है। पार्टी के पूर्व सांसदों एवं विधायकों ने आलाकमान को साफ बता दिया है कि कांग्रेस को चुनावी मैदान में गठबंधन से परहेज करते हुए ब्राहमण, मुस्लिम व दलित वोटों के पुराने समीकरण को साधना होगा। प्रदेश अध्यक्ष व दलित चेहरा ब्रजलाल खाबरी एवं प्रांतीय अध्यक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी पश्चिम यूपी में दौरा कर पुराने फार्मूले को फिट बैठाने की कोशिश कर रहे हैं।
दिग्गज सींचेंगे कांग्रेस की सूखी पड़ी जड़
2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा का विजयी रथ रोकने के लिए कांग्रेस सहित सभी दल रणनीतिक चक्रव्यूह बनाने में जुटे हैं। पिछले साल दिसंबर में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बागपत एवं शामली से निकाली। लेकिन कमजोर संगठन पश्चिम यूपी में इसको भुना नहीं सका। हालांकि निकाय चुनाव में बनारस एवं मुरादाबाद सहित कई सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। ऐसे में पार्टी मुस्लिम वोटों को नए सिरे से साधने की तैयारी में है।
पश्चिम उप्र के प्रांतीय अध्यक्ष नसीमद्दीन सिद्दकी का कहना है कि पश्चिम उप्र में पार्टी ’संविधान बचाओ कार्यक्रम’ के तहत पिछड़ों दलितों एवं मुस्लिमों के बीच पैठ बढ़ाएगी। इसके लिए अक्टूबर एवं नवंबर में राष्ट्रीय अध्यक्ष व दलित नेता मल्लिकार्जुन खरगे के यूपी में दौरे होंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की जनसभाएं करने की रणनीति है। जाट वोटों को साधने कें लिए पार्टी ने जहां हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा का कार्यक्रम मंगा है। वहीं गुजरों के बीच राजस्थान के दिग्गज नेता सचिन पायलट पहुंचेंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री नकुल दूबे एवं विधायक मोना मिश्रा भी पश्चिम यूपी को मथेंगी।
लखनऊ में हाल में आयोजित बैठकों में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वालों, पूर्व जनप्रतिनिधियों एवं संगठन के दिग्गजों ने आलकमाल को भरोसा दिया कि मुस्लिम समाज अब सपा व बसपा की जगह कांग्रेस पर भरोसा जता रहा है। ऐसे में गठबंधन छोड़ अपने दम पर चुनाव लड़ना बेहतर होगा। पुराना जनाधार कांग्रेस की नैया पार करवा सकता है। कांग्रेस पार्टी ने 2009 लोकसभा चुनाव में यूपी में 21 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी।
लेकिन बाद में आंकड़ा लड़खड़ा गया। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर ने कांग्रेस यूपी से उखड़ गई। 2017 विस चुनाव में राहुल-अखिलेश यादव की जोड़ी फेल रही। 2019 लोकसभा एवं 2022 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अकेली लड़ी और हार का सामना करना पड़ा। पश्चिम उप्र में कांग्रेस का मजबूत वोटर रहा मुस्लिम, दलित, गुर्जर एवं ब्राहमण छिटककर दूसरे दलों में चले गए। ऐसे में कांग्रेस फिर से यूपी में नए उत्साह के साथ 2024 की चुनावी तैयारी कर रही है।
Published on:
28 Jul 2023 01:41 pm
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