
मेरठ। युवा वर्ग की पहली पसंद सरकारी नौकरी होती है। पहले वह सरकारी नौकरी के लिए एप्लार्इ करता है आैर जब उसका नंबर नहीं आता तो हताश होकर प्राइवेट नौकरी करता है। दरअसल, सरकारी नौकरी उसकी पसंद इसीलिए ही होती है कि रिटायरमेंट के बाद वह अपना जीवन सुरक्षित मानता है, क्योंकि उसे पेंशन मिलने लगती है। अब प्राइवेट नौकरी करने वालों को परेशान रहने की जरूरत नहीं क्योंकि अब प्राइवेट नौकरी में भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन की स्कीम है, लेकिन इसके कुछ नियम है। एम्प्लाइज पेंशन स्कीम के अंतर्गत सबसे बड़ी शर्त तो यही है कि आप कम से कम उस प्राइवेट संस्थान में नौकरी करें, जहां 20 से ज्यादा लोग काम करते हों आैर दूसरी बड़ी शर्त यह है कि आप उस संस्थान में लगातार दस वर्ष तक काम करें, क्योंकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (र्इपीएफआे) में कर्मचारी संगठन के नियमों के तहत र्इपीएफआे के लिए प्राइवेट कर्मचारी के वेतन से कटने वाला 12 प्रतिशत हिस्सा आपको लगातार दस साल काम करने के बाद आपको पेंशन दिलाएगा।
लगातार दस साल नौकरी पर मिलेगी पेंशन
प्राइवेट संस्थान में लगातार दस साल काम करने पर सरकार आपको भी पेंशन पाने की सेवा देती है, लेकिन उस संस्थान में 20 से ज्यादा कर्मचारी होने जरूरी हैं। बीच में कर्मचारी नौकरी बदलता भी है तो उसी र्इपीएफआे एकाउंट के जरिए वेतनमान का 12 फीसदी देता रहता है तो ब्रेक नहीं माना जाता, लेकिन अगर प्राइवेट कर्मचारी ने दस साल से पहले र्इपीएफआे आैर पेंशन फंड में से जरूरत पड़ने पर अपना सारा पैसा निकाल लिया है तो उसे फिर पेंशन नहीं मिलेगी।
इस तरह बनती है आपकी पेंशन
दरअसल, प्राइवेट नौकरी में पेंशन एेसे ही नहीं मिल जाती है। र्इपीएफ एक्ट 1952 के अंतर्गत कर्मचारी के बेसिक वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा प्रोविडेंट फंड (पीएफ) में जाता है। 12 प्रतिशत में से 8.33 प्रतिशत पेंशन फंड में चला जाता है, साथ ही सरकार की आेर से भी उस कर्मचारी के पेंशन फंड में बेसिक वेतन का 1.16 प्रतिशत जमा किया जाता है। इस तरह आपकी पेंशन बनने लगती है, लेकिन बड़ी शर्त यही है कि उस संस्थान में कर्मचारी लगातार दस साल सेवा दे।
Published on:
26 Aug 2018 04:00 pm
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