
मेरठ. महामारी का रूप ले चुके कोरोना वायरस के बारे में कहा जा रहा है कि चीन में चमगादड़ का सूप पीने से यह वायरस इंसानों में फैला है। यह खबर मीडिया में आने के बाद लोगों में चमगादड़ को लेकर खौफ फैल रहा है। बताया जाता है कि जिस तरह से रैबीज के वायरस के लिए कुत्तों को जिम्मेदार माना जाता है। उसी तरह कोरोना वायरस के फैलने के लिए भी जंगली जानवरों के सेवन को जिम्मेदार माना जा रहा है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका चमगादड़ों की मानी जा रही है। दरअसल, चीन में कई तरह के पशु-पक्षी खाए जाते हैं और वुहान समेत दूसरे बाजारों में उनकी खरीद-फरोख्त भी आसानी से होती है। इस बीच गंगानगर के शिवलोक कॉलोनी में कुछ दिन पहले एक युवक ने चमगादड़ को डंडे से पीटकर मार डाला था। बताया जाता है कि युवक ने पहले पेड़ पर बैठे चमगादड़ को पत्थर मारकर नीचे गिराया। इसके बाद उसे पीट-पीचकर मार दिया था। इन सबके बीच मेरठ का एक इलाका ऐसा भी सामने आया है, जहां बड़ी संख्या में चमगादड़ पेड़ों पर लटके नजर आ रहे हैं।
मेरठ के सिविल लाइन इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बरसों से बड़ी संख्या में चमगादड़ इसी तरह पेड़ों पर रहते आ रहे हैं। मेरठ में एसएसपी निवास के पास पेड़ों पर उल्टे लटके इन चमगादड़ को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, चमगादड़ एक शांत प्राणी है। पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक चमगादड़ को जंगल का किसान भी कहा जाता हैं। यह फल फ्रूट खाकर अपना पेट भरता है। दरअसल, यह परागण में अहम भूमिका निभाते हैं। गूलर, अमरूद, कदम आदि के फलों को खाने के बाद ये जंगल में परागण करते हैं। इससे वहां नए पौधे तैयार हो जाते हैं।
अब सवाल ये पैदा होता है कि जब यह जीव प्रकृति प्रेमी हैं, फिर इस जीव से डर क्यों फैल रहा है। दरअसल, चमगादड़ प्रकृति के लिए अनुकूल होते हुए भी इस जीव के बारे में ढेरों अफवाहें हैं। लोग अक्सर चमगादड़ को नकारात्मक ऊर्जा, भूतप्रेत आदि से जोड़कर देखते हैं। इस बीच जब चीन में कोरोना वायरस से महामारी फैली तो इसके साथ यह भी खबर आई कि यह जानलेवां बीमारी चमगादड़ का सूप पीने से फैला है। इसके बाद लोगों में चमगादड़ को लेकर दहशत इस कदर फैली कि एक युवक ने चमगादड़ को पीट-पीटकर मारना शुरू कर दिया।
Published on:
05 Feb 2020 02:21 pm
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