
मेरठ. कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन के चलते पांच माह से बंद पड़े धार्मिक स्थलों के खोले जाने पर आज फैसला लिया जाएगा। इस बारे में प्रशासन और धर्म गुरू बैठक कर निर्णय लेंगे। बता दें कि पिछले पांच महीने से मेरठ के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर ताले पड़े हुए हैं। देश के अनलाॅक होने के बाद से धर्म गुरुओं की ओर से यह मांग प्रमुखता से उठाई जा रही है कि धार्मिक स्थलों को भी खोला जाए। लेकिन, प्रशासन ने धर्मगुरूओं की मांग को नहीं माना। अब जबकि अनलाक-4 की गाइडलाइन जारी की जा चुकी है और 21 सितंबर से नए बदलाव के साथ धार्मिक स्थल खोले जाने की बात कही जा रही है तो उसी संबंध में आज प्रशासन और धर्मगुरु इस संबंध में बैठक कर बात करेंगे।
बता दें कि मुख्य सचिव ने 21 सितंबर से होने वाले बदलावों के लिए 30 अगस्त को आदेश जारी किए थे। डीएम के बालाजी ने अनुसार सामाजिक, शैक्षिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों व अन्य सामूहिक गतिविधियों को शुरू करने व अधिकतम सौ व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति होगी। शादी समारोह व अंतिम संस्कार में 100 लोग शामिल हो सकेंगे। कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के कार्यक्रमों में फेस-मास्क का प्रयोग, शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन, थर्मल स्कैनिंग, हाथ धोने व सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य होगी।
उपरोक्त सभी कार्यक्रमों की अनुमति संबंधित क्षेत्र में सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम व एडीएम के स्तर से जारी की जाएगी। कार्यक्रम स्थल एक से अधिक मजिस्ट्रेट के अधिकार क्षेत्र में स्थित हैं तो ऐसे कार्यक्रमों की अनुमति शहरी क्षेत्र में एडीएम सिटी व ग्रामीण क्षेत्र में एडीएम प्रशासन देंगे। कंटेनमेंट जोन व कोविड व नॉन कोविड अस्पतालों की भौगोलिक स्थिति तथा धारा-144 के तहत जारी निर्देशों का पालन करना होगा।
डीएम के बालाजी ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार आज 21 सितंबर से शुरू होने वाली गतिविधियों की अनुमति जिला प्रशासन से दी जाएगी। धार्मिक स्थल खोलने के लिए एडीएम धार्मिक गुरुओं के साथ बैठक करने के बाद निर्णय लेंगे।
Published on:
21 Sept 2020 11:24 am
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