
इस जिले में DM ने प्रदूषण करने वाली इकाइयों को सुनाया ये फरमान, मची खलबली
बागपत। जिलाधिकारी ऋषिरेंद्र कुमार ने अपने कैंप कार्यालय पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार विभिन्न स्तरों के वायु प्रदूषण के निदान के लिए केंद्र सरकार द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान जारी किया गया है। इस प्लान के कार्यान्वयन का दायित्व पर्यावरण प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण प्राधिकरण को दिया गया है।
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को प्रभावी तरीके से लागू किए जाने तथा संबंधित विभागों के फील्ड लेवल कार्मिकों को उक्त प्लान के अनुसार कार्रवाई के बिंदुओं की पूर्ण जानकारी के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उन्होंने वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा जिस विभाग से जो संबंधित है। वह अपनी पूर्व तैयारियों के साथ कार्य करें। जिलाधिकारी ने कहा एनजीटी के निर्देश पर अगर प्रदूषण का स्तर बड़ता है, तो क्या तैयारी की जानी है। इस संबंध में भी अति आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती है तो ईपीसीए की गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई की जाए।
उन्होंने एनएचएआई को निर्देश दिया कि जिन निर्माण कार्यों द्वारा डस्ट से प्रदूषण हो रहा है, उन्हें तत्काल बंद कर दिया जाए। जिलाधिकारी ने ईंट भट्टटों को भी बंद करने के लिए खनन अधिकारी को निर्देश दिए। ईंट भट्टों की चिमनीओं से जो धुआं निकलता है उससे भी काफी प्रदूषण फैलता है। इसलिए किसी भी स्थिति में कोई भट्टा चलता नहीं पाया जाना चाहिए। कृषि विभाग को निर्देश दिए कि किसान अपने खेतों में पुआल आदि को न जलाएं। जिससे कि प्रदूषण होने की संभावना रहती है। सभी संबंधित अधिकारी अपने कार्य को गंभीरता से लें और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का अनुपालन करें। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडे समस्त एसडीएम, प्रदूषण बोर्ड मेरठ के अधिकारी, एनएचएआई, एआरटीओ, कृषि विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
Published on:
01 Nov 2018 07:01 pm
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