
चिकित्सकों ने अपनी इन मांगों को लेकर कामकाज ठप रखा, मरीज रहे परेशान, देखें वीडियो
मेरठ। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरोध में हड़ताल के समर्थन में देशभर के डॉक्टर्स आ चुके हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से देशव्यापी हड़ताल में सोमवार को मेरठ के डॉक्टर्स भी शामिल रहे। देश भर के करीब पांच लाख और मेरठ के करीब 1500 डॉक्टर्स अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे।
मेरठ के चिकित्सकों ने की ये मांग
पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स के साथ हुई हिंसा के खिलाफ मेरठ के डॉक्टर्स ने भी आवाज उठाई। डा. तनुराज सिरोही ने कहा हम डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग के समर्थन में देश भर के डॉक्टरों के साथ हैं। डॉक्टर्स की मांग है कि मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने की जरूरत है। अस्पतालों को सेफ जोन घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए। डॉक्टर्स के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाने की इसी मांग को लेकर डॉक्टर्स ने देशव्यापी हड़ताल की। डा. सीमा ने कहा ऐसे तो इलाज करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। किसी डॉक्टर का ये उद्देश्य नहीं होता कि उसका मरीज परेशानी में रहे। डॉक्टरी पेशा मरीज की जान बचाने और उसकी बीमारी ठीक करने के लिए है। ऐसे में कोई क्यों किसी को मरेगा। आए दिन डॉक्टर्स के साथ मारपीट की घटनाएं बढऩे से हम अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर तनुराज सिरोही ने कहा कि हमारी तीन मांगे हैं। जिन पर केंद्र सरकार को कानून बनाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी जो कानून की मांग आईएमए कर रहा है, वह है प्रोटेक्शन बिल की मांग।
पूरे दिन भटकते रहे मरीज
चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों में बाहर ताले लटके रहे। जिसके चलते मरीज परेशान रहे। वहीं, पैथोलॉजी लैब पर भी हड़ताल का असर पड़ा। इसके कारण मरीजों की जांच नहीं हो सकी। गांव-देहात के अलावा अन्य दूसरे जिलों से आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ा। वहीं इमरजेंसी से निपटने के लिए सीएमओ डा. राजकुमार ने पूरे इंतजाम किए हुए थे। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों की संख्या बढ़ा दी गई है।
Published on:
17 Jun 2019 03:56 pm
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