30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

चिकित्सकों ने अपनी इन मांगों को लेकर कामकाज ठप रखा, मरीज रहे परेशान, देखें वीडियो

खास बातें मेरठ में डॉक्टर्स की हड़ताल से चिकित्सा सेवा प्रभावित रही डॉक्टरों ने किया प्रदर्शन, बोले- केंद्र बनाए प्रोटेक्शन कानून सभी निजी चिकित्सा सेवा ठप, पैथोलॉजी लैब भी रही बंद

2 min read
Google source verification
meerut

चिकित्सकों ने अपनी इन मांगों को लेकर कामकाज ठप रखा, मरीज रहे परेशान, देखें वीडियो

मेरठ। पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ हुई हिंसा के विरोध में हड़ताल के समर्थन में देशभर के डॉक्टर्स आ चुके हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से देशव्यापी हड़ताल में सोमवार को मेरठ के डॉक्टर्स भी शामिल रहे। देश भर के करीब पांच लाख और मेरठ के करीब 1500 डॉक्टर्स अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर रहे।

यह भी पढ़ेंः राजकीय बाल सुधार गृह में तीन किशोरों ने किया एेसा काम कि हिल गया पूरा प्रशासन, देखें वीडियो

डेयरी संचालकों के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता ने अपनी पार्टी के राज में अफसरों पर लगाए आरोप, देखें वीडियो

मेरठ के चिकित्सकों ने की ये मांग

पश्चिम बंगाल में डॉक्टर्स के साथ हुई हिंसा के खिलाफ मेरठ के डॉक्टर्स ने भी आवाज उठाई। डा. तनुराज सिरोही ने कहा हम डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग के समर्थन में देश भर के डॉक्टरों के साथ हैं। डॉक्टर्स की मांग है कि मेडिकल प्रोफेशनल्स के साथ होने वाली हिंसा से निपटने के लिए केंद्रीय कानून बनाए जाने की जरूरत है। अस्पतालों को सेफ जोन घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए। डॉक्टर्स के साथ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाने की इसी मांग को लेकर डॉक्टर्स ने देशव्यापी हड़ताल की। डा. सीमा ने कहा ऐसे तो इलाज करना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। किसी डॉक्टर का ये उद्देश्य नहीं होता कि उसका मरीज परेशानी में रहे। डॉक्टरी पेशा मरीज की जान बचाने और उसकी बीमारी ठीक करने के लिए है। ऐसे में कोई क्यों किसी को मरेगा। आए दिन डॉक्टर्स के साथ मारपीट की घटनाएं बढऩे से हम अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। डॉक्टर तनुराज सिरोही ने कहा कि हमारी तीन मांगे हैं। जिन पर केंद्र सरकार को कानून बनाना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण और जरूरी जो कानून की मांग आईएमए कर रहा है, वह है प्रोटेक्शन बिल की मांग।

यह भी पढ़ेंः लूट के बाद मारी गोली, दूसरा फायर करने के लिए बदमाश ने रोक लिया अपना साथी, फिर ये हुआ...

पूरे दिन भटकते रहे मरीज

चिकित्सकों की हड़ताल के चलते जिले के सभी प्राइवेट अस्पतालों में बाहर ताले लटके रहे। जिसके चलते मरीज परेशान रहे। वहीं, पैथोलॉजी लैब पर भी हड़ताल का असर पड़ा। इसके कारण मरीजों की जांच नहीं हो सकी। गांव-देहात के अलावा अन्य दूसरे जिलों से आने वाले मरीजों को वापस लौटना पड़ा। वहीं इमरजेंसी से निपटने के लिए सीएमओ डा. राजकुमार ने पूरे इंतजाम किए हुए थे। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में चिकित्सकों की संख्या बढ़ा दी गई है।

UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..