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सावधान! कहीं आपके पास भी तो नहीं नकली हॉलमार्किंग वाली सोने की ज्वेलरी, छापेमारी में बड़ा खुलासा

एशिया के सबसे बड़े सर्राफा बाजार मेरठ में नकली हॉलमार्किंग (Fake Hallmarking) को लेकर बीआईएस की छापेमारी में 14 लाख रुपये कीमत के 300 ग्राम सोने के जेवर और हॉलमार्किंग की दो मशीनें जब्त। आभूषणों पर की जा रही थी 18 और 20 कैरेट की नकली हॉलमार्किंग। बीआईएस ने नकली सेंटर किया सील।

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मेरठ

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lokesh verma

Nov 14, 2021

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मेरठ. मेरठ का सर्राफा बाजार एशिया का सबसे बड़े ज्वेलरी बाजारों (Jewellery Market) में से एक है। इस सर्राफा बाजार में रोजाना 60 से 80 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसके साथ ही आभूषण की थोक मार्केट में देश के कौने-कौने से व्यापारी आभूषण बनवाने आते हैं। इस कारण यहां नकली हॉलमार्किंग (Fake Gold Hallmarking) का जाल फैला गया। जब इसकी जानकारी बीआईएस को हुई तो टीम ने हॉलमार्किंग करने वाले ज्वेलर्स के यहां छापेमारी की। इस दौरान टीम ने नील की गली में ओम कांप्लेक्स में एक दुकान पर सोने की ज्वेलरी पर नकली हॉलमार्क (Fake Hallmark on Gold Jewellery) करते हुए रंगे हाथों पकड़ा। टीम ने यहां करीब 14 लाख रुपये कीमत के 300 ग्राम सोने के जेवर और दो मशीनें जब्त करके सील कर दीं।

बता दें कि मेरठ में सोने के बड़े कारोबार को देखते हुए वर्तमान में बीआईएस यानी भारत मानक ब्यूरो ने छह हॉलमार्किंग सेंटर बनाए हैं। नए हॉलमार्किंग कानून के तहत आभूषणों पर तीन मोहर लगाई जा रही हैं। दो ग्राम से अधिक की हर ज्वेलरी पर हॉलमार्किंग अनिवार्य है। पहली मुहर में बीआईएस का लोगो है। दूसरे में सोने की रेटिंग लिखी होती है कि आभूषण कितने कैरेट का है। तीसरे नंबर पर छह अंकों एल्फा न्यूमेरिक नंबर होता है। यह हर आभूषण के लिए अलग होता है। जिसके चलते बीआईएस की टीम को सूचना मिली की कुछ कारोबारी नकली हॉलमार्क कर रहे हैं। बीआईएस की टीम ने ओम कांप्लेक्स में मुख्तार पोलिशिंग के यहां छापेमारी कर करीब 60 से 70 लाख रुपये की दो एक्सआरएस मशीन जब्त की। जानकारी के अनुसार यही मशीन बीआईएस के अधिकृत हॉलमार्किंग सेंटरों पर भी होती हैं।

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ऐप के जरिए असली और नकली की पहचान

छापेमारी करने आए अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने पहले 10-15 आभूषणों पर वैध तरीके से हॉलमार्किंग कराई। उसके बाद वही नंबर वह दूसरे आभूषणों पर लगा कर दे रहा था। यह आभूषण हॉलमार्क में अंकित गुणवत्ता से कम गुणवत्ता के होंगे। टीम को मेरठ में तीन स्थानों पर इसकी सूचना मिली थी। कम से कम चार माह से यह फर्जीवाड़ा चल रहा था। उन्होंने बताया कि जिस ज्वेलरी पर नकली हॉलमार्किंग की गई है। वह 18 कैरेट की ज्वेलरी है। जबकि केंद्र सरकार ने मेरठ के अंदर व्यापारियों को 20 कैरेट की ज्वेलरी की हॉलमार्किंग की अनुमति दी है। इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि बीआईएस जल्द एप लांच करने जा रहा है, जिसमें एचयूआईडी नंबर से पता चल जाएगा कि आभूषण की क्या रेटिंग है और वास्तव में मुहर असली है या नकली।

वहीं, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल ने बताया कि आरोपी दुकानदारों से संगठन का कोई संबंध नहीं है। संगठन गलत काम करने वालों का साथ नहीं देगा।

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