
फर्जी मार्कशीट आैर डिग्री बनाकर बेचने वालों के तार जुड़े हैं यहां भी, गिरोह का नेटवर्क देखकर पुलिस भी रह गर्इ दंग
मेरठ। फर्जी मार्कशीट और डिग्री बनाने वाले लोगों का नेटवर्क वेस्ट यूपी, एनसीआर ही नहीं देश के अधिकांश हिस्सों में भी फैला हुआ है। पूर्वोत्तर के राज्यों में भी इस गिरोह की जड़े फैली हुई है। इस गिरोह में सफेदपोश लोग भी जुड़े हुए हैं। इनका नेटवर्क राज्यों के बोर्ड, सीबीएसई के अलावा करीब-करीब सभी विश्वविद्यालय में फैला हुआ है। विश्वविद्यालय की साल्व की हुई कापियों को बाहर आना और पकड़े गए गिरोह के सदस्यों के पास से बरामद होना इस बात की पुख्ता पुष्टि करता है कि जरूर विश्वविद्यालय के कर्मचारी या अधिकारियों की भी इनके साथ मिली भगत है। पुलिस इस बात की जांच कर ही है। वहीं थाना कंकरखेड़ा पुलिस ने संबंधित विश्वविद्यालय को नोटिस भी भेजा है। पहले इस गिरोह के तार सात राज्यों में होने की बात सामने आयी थी। इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर इस बात को लेकर दंग हैं कि इस गिरोह का नेटवर्क देश के अन्य कर्इ राज्यों में भी हो सकता है।
बोर्ड से विश्वविद्यालयों में फैला है नेटवर्क
प्रदेश के बोर्ड से निजी विश्वविद्यालय और सरकारी विश्वविद्यालय तक इन दलालों का नेटवर्क फैला हुआ है। सवाल यह है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर बनी फर्जी मार्कशीट और डिग्रियों को प्रयोग कहां किया गया, जबकि आजकल तो एक क्लिक पर ही छात्र का ब्योरा नेट पर उपलब्ध हो जाता है। माना जा रहा है कि एडमिशन में भी काफी संख्या में छात्र इन फर्जी मार्कशीट और डिग्रियों का प्रयोग करते हैं। पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी।
आरोपी कांग्रेसी नेता है फरार
एसएसपी राजेश कुमार पांडेय के अनुसार फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह का सरगना और कांग्रेसी नेता रूप सिंह वर्मा फरार है, लेकिन पुलिस ने इसकी जांच करनी शुरू कर दी। जिसमें फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गैंग का नेटवर्क बोर्ड से कॉलेज और विश्वविद्यालय तक फैला बताया गया। पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आ रही है कि बोर्ड कार्यालयों में तैनात कर्मचारियों से इस गिरोह के सदस्यों से सेटिंग थी। जो कि उनको गजट उपलब्ध कराते थे। जिसके आधार पर ये लोग फर्जी मार्कशीट बनाकर लोगों को देते थे। ये गिरोह हाईस्कूल, इंटर व स्नातक की फर्जी मार्कशीट बनाकर देता था।इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा दीपक शर्मा का कहना है कि जांच में कई प्रदेश के सरकारी शैक्षिक संस्थानों की कलई खुलेगी। उन्होंने बताया कि अभी तक जांच में सामने आया है कि इस गिरोह का नेटवर्क ग्रामीण इलाकों में अधिक फैला हुआ है।
Published on:
21 Jul 2018 06:30 pm
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