
मेरठ। यूपी में कांग्रेस अपना वजूद तलाश रही है। लोक सभा चुनाव 2019 में उसे मिली करारी हार के बाद मौजूदा वूजद पर मंथन भी शुरू हो गया है। कांग्रेस की प्रदेश से लेकर जिलास्तर तक नई कार्यकारिणी का गठन होना है। इसलिए जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस हाईकमान ने साफ कर दिया है कि वर्षों से जमे मठाधीशों की छुट्टी की जाएगी और कर्मठ व जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा। जिला व महानगर कार्यकारिणी के गठन की अंदरुनी तौर पर तैयारी भी शुरू हो चुकी है, लेकिन नई कार्यकारिणी में मठाधीशों ने फिर से कुर्सी पर काबिज होने के लिए 'जैक' लगानी शुरू कर दी है। मेरठ के कांग्रेसी नेता इसके लिए जिस तरह से जुटे हुए हैं, उससे नहीं लगता कि हाईकमान नए चेहरों को उतारेगा।
दर्जनों बनना चाहते हैं अध्यक्ष
कांग्रस सूत्रों की मानें तो हाईकमान की ओर से पिछले दिनों यूपी के सभी जनपदों से जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष पद के लिए आवेदन मांगे गए थे। मेरठ में 87 कांग्रेसी नेताओं ने जिलाध्यक्ष बनने की इच्छा जताई है। इनमें वर्षों से जमे मठाधीश तो हैं ही, साथ ही ऐसे लोग भी है, जो काफी समय से पार्टी से जुड़े हुए हैं, लेकिन सड़कों पर कभी दिखाई नहीं दिए। सूत्रों की मानें महानगर अध्यक्ष पद के लिए भी 60 नाम पार्टी मुख्यालय को भेजे गए हैं। इनमें काफी चेहरे पुराने हैं। इसलिए मेरठ के जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष चुनने में वरिष्ठ पार्टी नेताओं को खासी दिक्कतें आने वाली हैं।
इन कार्यकर्ताओं को मिलेगी तरजीह
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की मानें तो मठाधीशों और नकारा पुराने चेहरों को अलग किया जाएगा। इनके स्थान पर युवा, कर्मठ व मेहनती लोगों को पार्टी में आगे लाया जाएगा। ऐसे कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा, जो पार्टी के लिए पूरा समय दे सके। सड़कों पर उतरकर लाठी खाने के लिए तैयार रहे। पार्टी हाईकमान का मानना है कि प्रदेश में नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने के लिए आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। इसलिए प्रदेश, जिला व महानगर कार्याकारिणी के लिए हाईकमान को कड़ी मशक्कती करनी पड़ेगी।
स्टार प्रत्याशी को भी मिली थी हार
मेरठ कांग्रेस में पार्टी की अंदरुनी राजनीति और उठापठक की शिकार 2014 लोक सभा चुनाव में मेरठ-हापुड़ लोक सभा सीट की स्टार कांग्रेस प्रत्याशी फिल्म अभिनेत्री भी हुई थी। उस समय कई बार नगमा के सामने भी जिला व महानगर कांग्रेसियों में रस्साकशी उजागर हुई थी। स्थानीय कांग्रेस मठाधीशों के कारण ही नगमा नोमिनेशन भरने से लेकर चुनाव प्रचार व मतदान के दिन तक अकेली खड़ी दिखाई दी थी। यही वजह रही थी कि नगमा 42,911 वोट लेकर चौथे नंबर पर रही थी। 2019 लोक सभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र अग्रवाल को चुनाव लड़वाने वाले पिछले चुनाव वाले ही पार्टी चेहरे थे। कांग्रेस प्रत्याशी वही हाल इस बार भी रहा। हरेंद्र मात्र 34,479 वोट ही हासिल कर सके। यानी स्थानीय स्तर पर चेहरे वही हैं, जो अपनी सीटों व पदों से जुड़े हुए हैं, लेकिन वोटों की संख्या लगातार गिरती जा रही है।
Published on:
14 Sept 2019 10:30 am
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
