
मेरठ। बसपा नेता और पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी का एक और मामला फिर से सामने आया है। वह है। करोड़ों रूपये की बेशकीमती जमीन का फर्जी बैनामा करवाना। फर्जी बैनामा कर उन्होंने करोड़ों की जमीन अपने नाम करवा ली। बैनामा याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान ने अपने नाम करवाया। मामला जब कोर्ट में पहुंचा तो इस फर्जी बैनामा को खारिज कर दिया गया और उस पर जमीन के असली मालिक का नाम चढ़ाया गया।
वहीं बसपा नेता की मीट एक्सपोर्ट फैक्ट्री पर चल रहे अवैध निर्माण को भी पुलिस ने रूकवा दिया। मीट फैक्ट्री में अवैध रूप से बने ईटीपी प्लांट के भीतर रखी मशीन को निकलवाने के लिए क्रेन मंगवाई गई। इस क्रेन के माध्यम से जमीन में कुंआ खोदकर रखी गई भारी भरकम मशीन को बाहर निकाला गया। बताया जाता है कि ये मशीन अवैध रूप से लगाई गई थी। ये भूजल का दोहन करने के साथ ही मीट का दूषित पानी भी जमीन के भीतर डालने का काम करती थी। इससे आसपास के लोगों की सेहत खराब हो रही थी।
आरोप है कि मालिकाना हक जताने के लिए पीडि़त जमीन पर पहुंचा, जहां पर याकूब कुरैशी और उनके बेटे इमरान ने उसके ऊपर गोलियां बरसा दी। जमीन के असली मालिक अपनी जान बचाकर वहां से भागे। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच करनी शुरू कर दी है। याकूब कुरैशी और उसके बेटे इमरान को गिरफ्तार करने की योजना पुलिस बना रही है। दीपावली के बाद गिरफ्तारी किसी भी समय संभव है। मामला खरखौदा थाना क्षेत्र के हाजीपुर गांव का है। मुज्मिल पुत्र अलीशेर ने पुलिस को पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी व उनके बेटे इमरान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें पुलिस ने पिता-पुत्र के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर लिया।
मुज्मिल का आरोप है कि हापुड़ रोड स्थित ढिकौली गांव में उनकी 4050 मीटर जमीन है। 2002 में उनकी मां मीरा उर्फ मीजा की मौत के बाद यह जमीन मुज्मिल और उसके भाई यामीन, मुस्तकीम, नवाब के नाम चढ़ गई। लेकिन पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी ने धोखाधड़ी करके जमीन अभिलेखों में अपने नाम करा ली। इसकी शिकायत मुज्मिल ने कोर्ट में की और वाद भी दायर किया। जिसमें कोर्ट ने याकूब कुरैशी द्वारा कराए गए बैनामे को फर्जी करार दे दिया और जमीन चारों भाइयों के नाम फिर से दर्ज हो गई है। मुज्मिल अपने दोस्तों के साथ जमीन पर पहुंचा। जहां पर याकूब कुरैशी और उसका बेटा इमरान अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मौजूद था।
आरोप है कि पिता-पुत्र और अन्य लोगों ने जान लेने की नीयत से उसके ऊपर गोलियां चला दी। जिसमें वह बाल बाल बच गया। मुज्मिल ने पुलिस अधिकारियों से इसकी शिकायत की। पुलिस ने जांच-पड़ताल की और फिर मुज्मिल की शिकायत पर याकूब और इमरान के खिलाफ खरखौदा थाने में मुकदमा केस दर्ज कर लिया। सीओ किठौर आलोक सिंह के मुताबिक अवैध तरीके से कब्जा की गई जमीन को मुक्त करा दिया गया है। याकूब और उनके बेटे इमरान की तलाश में पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिले। पुलिस की जांच में भी कब्जा अवैध मिला है।
Updated on:
26 Oct 2019 12:46 pm
Published on:
26 Oct 2019 12:30 pm
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