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Meerut: मदरसों के अपग्रेडेशन के साथ अब होगी जियो टैगिंग, प्रक्रिया अंतिम चरण में

locationमेरठPublished: Jul 09, 2020 11:22:34 am

Submitted by:

lokesh verma

Highlights
– मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त हर Madrsa होंगे हाइटेक
– डेटा अपग्रेड होने पर ही मिलेगी मदरसा छात्रों को छात्रवृति
– मदरसों को Upgrade करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में

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मेरठ. अब जिले समेत उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) के सभी मदरसों ( Madarsa ) का अपग्रेशन होगा, जिसके तहत मदरसों में पढ़ाई करने वाले छात्रों का डाटा ऑनलाइन किया जाएगा। इससे मदरसों के उन्नयन, पारदर्शिता और काम में सरलीकरण लाने के उद्देश्य से किया जाएगा। बता दें कि वर्ष 2017 में मदरसों के लिए एक वेब पोर्टल बनाने का सुझाव दिया गया था, लेकिन किन्हीं कारणों से यह योजना अधर में लटक गई थी, लेकिन अब इसको फिर से गति दी गई है। इसके तहत मान्यता प्राप्त और सहायता प्राप्त हर मदरसे द्वारा अपनी समस्त सूचनाएं ऑनलाइन अपलोड की जाएगी। मदरसा प्रबंध तंत्र को अपने सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों का विवरण आधार डिटेल के साथ भरना होगा।
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मदरसों को यूडीआईएसई कोड दिया जाएगा, जिससे कि मदरसे की जियो टैगिंग संभव हो सकेंगी। हर मदरसे में अध्ययनरत छात्रों का विवरण भी अपलोड किया जाएगा। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर के माध्यम से टीचर्स और स्टाफ की डुप्लीकेसी चेक की जाएगी। इसका मकसद अलग-अलग मदरसों में एक ही स्टाफ का कार्य करना होगा। इसके फलस्वरूप निर्धारित मानकों के अनुसार मदरसों में टीचर्स की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे शिक्षा गुणवत्ता में सुधार होगा। वहीं, मदरसे के छात्रों का डिजिटिलाइजेशन कर उनको छात्रवृत्ति पोर्टल से जोड़ा जाएगा, जिससे कि छात्रों की डुप्लीकेसी पर अंकुश लग सके। इससे फर्जी छात्र दिखाने की प्रवृत्ति पर अंकुष लगेगा। सरकारी योजनाओं का लाभ छात्रों को अधिक से अधिक मिल सकेगा।
आनलाइन होंगे सभी भुगतान

मदरसों को होने वाला सभी भुगतान ऑनलाइन हो सकेंगे। इसके तहत मदरसों को बिल भी ऑनलाइन ही भेजने होंगे। ऑनलाइन भुगतान के बाद पीएफएमएस के माध्यम से उसका सत्यापन किया जाएगा। इनमें मदरसों को होने वाले सभी प्रकार के भुगतान शामिल होंगे। इस बारे में सीडीओ मेरठ ईशा दुहून के बताया कि मदरसों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। इसके लिए शासन स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। मदरसों के अपग्रेड होने के बाद काम में पारदर्शिता आएगी और योजनाओं का लाभ भी अतिशीघ्र मिल सकेगा।
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